हनुमानगढ़ी, कनक भवन, रामलला का फूल-बंगला:गर्मी से राहत देने के लिए गर्भगृह और आसपास फूलों की सजावट

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(www.arya-tv.com)  मूर्ति में जब प्राण प्रतिष्ठित हो जाए तो उसे मानव की तरह की भूख-प्यास और सर्दी-गर्मी लगती है। भक्तों की इसी मान्यता के अनुसार, 22 मई की शाम अयोध्या के हनुमानगढ़ी, कनक भवन और रामलला मंदिर के गर्भगृह सहित आसपास के समूचे क्षेत्र को सुगंधित फूलों से सजाया गया। फूलों की सुगंध, उनकी सजावट के साथ उन पर भव्यता बढ़ाने वाली रोशनी के बीच अपने आराध्य को पाकर भक्त परम आनंद की अनुभूति करते रहे।

प्राचीन काल की यह परंपरा आधुनिक काल में भी कायम
ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी में भगवान को राहत देने के लिए संतों की फूल बंगले की झांकी के आयोजन की परंपरा लंबे समय से है। उत्सव के रूप में आयोजित प्राचीन काल की यह परंपरा आधुनिक काल में भी कायम है। वह भी तब जब अधिकांश मंदिरों में पंखे और कूलर की व्यवस्था की जा चुकी है। इसी परंपरा को आज भी बड़ी शिद्दत से निभा रहें। वृंदावन से संत जगदगुरु पीपाद्वारचार्य बलराम देवाचार्य महाराज के सानिध्य में रामजन्मभूमि में भगवान रामलला सरकार को, कनक भवन में बिहारी सरकार और हनुमानगढ़ी में हनुमान जी की भव्य फूल बंगला झांकी सजाई गई।

शीतलता के लिए फूलों की झांकी का कोई विकल्प नहीं: पुजारी
रामलला के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि भगवान रामलला बहुत नाजुक हैं। छोटे से बालक के रूप में उनकी सेवा की जाती है। उनकी सेवा के लिए AC आदि सुविधा की गई है। लेकिन, प्राकृतिक सुगंध और शीतलता के लिए फूलों की झांकी का कोई विकल्प नहीं है। हम भगवान की सेवा में रोज फूल और माला अर्पित करते हैं, लेकिन जब विशेष अवसर पर सुगंधित फूलों की लड़ियों या समूह से समूचा वातावरण आनंद से भर उठता है। इस दिव्य वातावरण से भक्त और भगवान दोनों ही परम आनंद की अनुभूति करते हैं।