(www.arya-tv.com) अटलांटिक महासागर में 12500 फीट में डूबे टाइटनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए गए टाइटन पनडुब्बी में सवार 5 लोगों की मौत हो गई है। रोबोट ऑपरेटिंग व्हीकल (ROV) को पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक जहाज के मलबे से भी 1600 फीट के पास मिला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें मौजूद लोगों का शव मिलना भी काफी मुश्किल होगा।
ये इतनी गहराई में है कि जहां किसी इंसान का जाना तो दूर बल्कि सर्च ऑपरेशन चलाना भी काफी लगभग चुनौती भरा काम है। अमेरिका के एडमिरल मोगर ने बताया कि समुद्र में जहां पनडुब्बी का मलबा मिला है वहां का वातावरण काफी खतरों से भरा है।
दबाव से पनडुब्बी में सवार लोगों के चिथड़े उड़ गए होंगे
ROV को मलबे के जो 5 हिस्से मिले हैं, उनमें एक टेल, कोन और प्रेशर हल के 2 सेक्शन शामिल हैं। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र की गहराई में किसी भी तरह की गलती भारी साबित हो सकती है।
अगर पनडुब्बी में प्रेशर मैनेज करने के लिए लगे हल के एक हिस्से में भी खराबी आ जाती है तो पनडुब्बी में पानी भरने लगता है। इससे पनडुब्बी में प्रेशर इतना ज्यादा बनेगा कि कुछ मिलीसेकेंड में वो फट जाएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि टाइटेन पनडुब्बी के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा।
पनडुब्बी से जुड़े खतरों की जानकारी देने वाले को कंपनी ने निकाला
CBS की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में कंपनी ने एक कर्मचारी को निकाल दिया था। इसकी वजह ये थी कि उसने पनडुब्बी से जुड़े खतरों की शिकायत प्रशासन को कर दी थी। उस पर जुर्माना भी लगाया गया था।
15 अगस्त 2018 को उसने कोर्ट में एक केस दर्ज किया था। इसमें कहा था कि पनडुब्बी 1300 मीटर की गहराई के दाब का झेलने के लिए बनी है, जबकि ओशन गेट उसे 4000 मीटर तक की गहराई में भेज रहा है। टाइटैनिक के मलबे के पास जहां पनडुब्बी का मलबा मिला है वो जगह बेहद खतरनाक मानी जाती है।
उसे मिडनाइट जोन कहा जाता है क्योंकि वहां अंधेरा रहता है।मिडनाइट जोन में सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती और वहां कंपा देने वाली ठंड होती है। पानी के तेज बहाव के कारण यहां खतरनाक करंट भी बनता है। हालांकि 2021 से 2022 के बीच 46 लोग टाइटेन पनडुब्बी में बैठकर टाइटेनिक का मलबा देखकर आ चुके हैं।