लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में विग्नेश परमासिवम द्वारा निर्देशित थुनई को सर्वश्रेष्ठ फिल्म और जय प्रकाश द्वारा निर्देशित गंगा पुत्र को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र अवार्ड दिया गया। निर्माताओं को 45 हजार रुपये दिए गए। दूसरे दिन एफटीआईआई के छात्रों और स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं की 10 फिल्म के प्रदर्शन के साथ फेस्टिवल का समापन हो गया। शार्ट फिल्मों ने डिमेंशिया, आध्यात्मिक जागरण, बाधाओं को तोड़ना, सामाजिक कलंक, बाल श्रम, पहचान की खोज, प्रवासी दृढ़ता और दैनिक करुणा जैसे विषयों की खोज की।
अभिनेत्री हुमा कुरैशी, अभिनेता एवं निर्देशक सनी सिंह ने एमरन फाउंडेशन की संस्थापक रेणुका टंडन और गौरव द्विवेदी सहित एक प्रमुख पैनल के साथ भारतीय सिनेमा में महिलाओं की विकसित भूमिका और पहचान पर चर्चा की। शॉर्ट फिल्मों के उद्योग में अपनी जगह बनाने के तरीके और मीडिया के फिल्म निर्माताओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका पर भी मंथन किया गया। फेस्टिवल की वर्ष 2023 की विजेता कत्यायनी कुमार ने क्राउडफंडिंग को केवल धन संग्रह के बजाय दर्शक निर्माण के रूप में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण एक लंबी यात्रा है जो शादी जैसी है। एमरेन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष ऋचा वैश्य, महासचिव गौरव द्विवेदी ने भी विचार रखे।
दद्दू जिंदाबाद के निर्देशक प्रथम रनर-अप
दद्दू जिंदाबाद के निर्देशक समर जैन को प्रथम रनर-अप, रिजॉल्व : चाइल्ड लेबर के निर्देशक अमित कुमार पी शुक्ला को द्वितीय रनर-अप, दद्दू जिंदाबाद के निर्देशक समर जैन को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, थुनई की विग्नेश परमासिवम को सर्वश्रेष्ठ महिला अभिनेत्री का सम्मान दिया गया।
इन फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
फेस्टिवल के दूसरे दिन फिल्म आठवां (निर्देशक : रेणुका शहाणे), नैमिषारण्य (निर्देशक: राज स्मृति), द वेल बेक्ड केक (निर्देशक: नंदू घनेकर), कसादारू (निर्देशक: टी. रवि चंद्रन), मुआवजा (निर्देशक: रोहित रावत), डॉट द डॉटर (निर्देशक: जुनैद इमाम शेख), गंगा पुत्र (निर्देशक: जय प्रकाश), रिजॉल्व चाइल्ड लेबर (निर्देशक: अमित कुमार शुक्ला), दद्दू जिंदाबाद (निर्देशक: समर जैन), बिहोल्डर, थुनई (निर्देशक: विग्नेश परमासिवम) और उस पार (एफटीआईआई फिल्म) का प्रदर्शन किया गया।
