www.arya-tv.com) पहाड़ों पर हो रही बारिश से यूपी में गंगा-यमुना नदी उफान पर हैं। वाराणसी में गंगा का पानी 88 घाटों को पार कर शहर में घुस गया है। जिससे लोग डरे हुए हैं। गंगा मणिकर्णिका घाट होते हुए विश्वनाथ कॉरिडोर तक पहुंच गई है। गंगा बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह से 100 मीटर दूर है। श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान से रोका जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मौसम विभाग ने यूपी के 15 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
वाराणसी में बाढ़ से 2 लाख लोग प्रभावित
वाराणसी में वरुणा और गंगा की बाढ़ से 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। वाराणसी का पंचतीर्थ भी अब गंगा में डूब चुका है। गंगा के 88 घाटों में से पांच घाटों को सामूहिक रूप से ‘पंचतीर्थ’ कहा जाता है। ये हैं अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट और मणिकर्णिका घाट। अस्सी का प्राचीन शिव मंदिर भगवान अस्सींगमेश्वारा और जगन्नाथ मंदिर तक गंगा पहुंच गई है। राहत की बात यह है कि प्रयागराज में गंगा का जलस्तर अब स्थिरता की ओर है।
वाराणसी में गंगा किनारे वाले करीब 10 हजार से ज्यादा दुकानदार, नाविक और पुजारी बेरोजगार हो गए हैं। अब वाराणसी में गंगा का कोई किनारा नहीं बचा है, जहां बैठा जा सके। हर ओर जल सैलाब है। वाराणसी के सभी 85 घाट और वहां मौजूद हेरिटेज भवन गंगा में समा चुके हैं।
घाटों पर मौजूद हजारों छोटे-बड़े मंदिर, बिजली के पोल डूब चुके हैं। इसलिए यहां पर स्नान या तैराकी करने से चोटिल होने का डर बना रहता है। गंगा स्नान के बाद लोगों को टीका चंदन और पूजा कराने वाले पूजारी अब गंगा के थमने की विनती कर रहे हैं। गंगा के मंत्रों को जप रहे हैं। राजघाट, दशाश्वमेध घाट और अस्सी पर गंगा का पानी सड़क पर आ गया है। कई लोग तो सड़क पर ही गंगा स्नान कर रहे हैं।
काशी विश्वनाथ और गंगा में 100 मीटर का फासला
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, धाम के सभी भवन HFL (हाई फ्लड लेवल) से ऊपर बनाए गए हैं। अभी भी गंगा घाट पर बने प्रवेश द्वार से करीब दो मीटर नीचे ही गंगा का जलस्तर है। हालांकि सामान्य तौर पर गंगा मंदिर से 22 मीटर नीचे रहती है।
अब तक केवल रैंप और सीढ़ी पर ही बाढ़ का पानी पहुंचा हुआ है। वहीं 80 में से 50 सीढ़ियां डूब चुकी हैं। कहा जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस की पीक है। पूरा शहर डूबेगा उसके बाद ही मंदिर में पानी आएगा।