चिकित्सा संस्थान शिक्षक नियमों में हुआ ये बदलाव

Kanpur Zone UP

कानपुर (www.arya-yv.com)  देशभर में मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी का संकट खत्म होने को है जिसके कारण कानपुर की पहल पर एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) ने मुहर लगा दी है। निर्णय किया है कि अब विदेश और देश में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर विजिटिंग फैकल्टी बनाए जा सकते हैं।

एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (एमसीआइबीओजी) ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह फैसला देशभर में राजकीय मेडिकल कॉलेज, चिकित्सीय संस्थान और विश्वविद्यालय चिकित्सा शिक्षकों (फैकल्टी) की कमी को देखते हुए लिया गया है।

कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा एमसीआई को पत्र भेजा था। इसमें सुझाव आया था।

कि मेडिकल छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए अपने विषय में महारत रखने वाले विदेशी डॉक्टरों और देश में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले नामचीन चिकित्सकों को विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर बुलाया जाए। एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने गंभीरता से मंथन कर इसे मान लिया।

पुराने नियमों में हुआ संशोधन

पुराने नियम के मुताबिक प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नहीं पढ़ा सकते थे। एमसीआइ ने चिकित्सा संस्थान (शिक्षक) संशोधन- 2019 में नया खंड जोड़ा। इसके अनुसार न्यूनतम आठ वर्ष की प्रैक्टिस और स्नातकोत्तर की डिग्री वाले विदेशी और प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को अंशकालिक आधार पर काम दिया जा सकता है। उनकी उम्र 70 फीसद से अधिक न हो। संबंधित कॉलेज में 50 फीसद से अधिक विजिटिंग फैकल्टी न हों।