लखनऊ के इस्कॉन मंदिर में प्रकट भए नंदलाला:श्री राधा माधव मंदिर में बनारसी वस्त्र और चांदी के मुकुट में दिखे कान्हा

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(www.arya-tv.com) देश भर में आज जन्माष्टमी की धूम रही। लखनऊ के शहीद पथ के पास इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का उत्सव भव्य हुआ है। रात 12 बजे के बाद मंदिर में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं में काफी उत्साह रहा। जन्म के बाद श्रद्धालुओं भगवान का अभिषेक किया।

शुक्रवार को देर शाम लखनऊ पुलिस लाइन में कृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन में CM योगी पहुंचे। उन्होंने श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर जनता को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं मथुरा, वृंदावन से होकर आ रहा हूं। लाखों लोग इस महोत्सव में शामिल हुए। आजादी के अमृत महोत्सव में यह आयोजन और यादगार बन जाता है। यह पहला आयोजन होगा जिसे पुलिसकर्मी मनाते है जबकि पुलिस के आयोजन में जाने से लोग कतराते है। वहीं, डीजीपी ने सीएम को मंच पर स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट किया।

इस्कॉन मंदिर में जन्मेंगे कान्हामंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने बताया,”जन्माष्टमी पर भोर 4.30 बजे मंगला आरती हुई है। सुबह 5.15 बजे तुलसी आरती की गई। गुरु पूजा सुबह 7.30 बजे और श्रृंगार आरती सुबह नौ बजे की गई।
सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक भजनों की प्रस्तुति हुई है। इस दौरान भगवान को 256 व्यंजनों का भोग लगाया गया। ये पूरा कार्यक्रम ऑनलाइन भी देखा जा सकता है। इसके आलावा ‘कौन बनेगा श्रीकृष्ण भक्त’ नाम से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी होगी। विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। 20 अगस्त को दोपहर 1.30 बजे नंदोत्सव विशेष रूप से 5 दही हांडियों के साथ भव्यता से मनाया गया।

चौक में 100 साल पुराने मंदिर में जन्माष्टमी की अलग ही रौनक
पुराने लखनऊ में 100 साल से अधिक प्राचीन भगवान श्रीकृष्ण की 6 हवेलियां हैं। जिसमें सबसे प्राचीन श्री मदन मोहन हवेली है, जो चूड़ी वाली गली में है। चौपटियां की खेतगली में सवा सौ पुराना श्री राधिका नाथ जी ठाकुरद्वारा है। यहां 19 को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर विशेष झांकी सजेगी। यहीं पर कुंदन लाल ठाकुर द्वारा भी है।

श्री राधा माधव में बनारसी वस्त्र, चांदी का मुकुट
निरालानगर के राम कृष्ण मठ में भी जन्माष्टमी समारोह की तैयारियां पूरी हो गई हैं। डालीगंज स्थित श्री माधव मंदिर में 19 अगस्त शाम सात बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होकर मध्य रात्रि तक चलेंगे। वहीं श्री राधा माधव भगवान का बनारसी वस्त्र, चांदी के मुकुट, देशी विदेशी फूलों से श्रृंगार किया जाएगा।

दो दिन मनेगी जन्माष्टमी : भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था। इसी कारण हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी इस बार दो दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी, जिसे गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग मनाएंगे। वहीं, 19 अगस्त की साधु-संत जन्माष्टमी मनाएंगे।