आयुष्मान खुराना और विक्की कौशल नवाजे गए। आयुष्मान को अंधाधुन के लिए और विक्की कौशल को उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। सोशल मीडिया पर दोनों को बधाईयों का तांता लगा हुआ है। तो चलिए हम आपको ऐसे एक्टर्स से रूबरू करवाते हैं जो अपनी शुरुआती फिल्म में अवॉर्ड जीतने में कामयाब रहे लेकिन अब गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं।
बॉलीवुड में एक दौर था जब एक्टर चंद्रचूढ़ सिंह के लाखों फैंस थे। उनके चॉकलेटी लुक ने लाखों लड़कियों को अपना दीवाना बना दिया था। चंद्रचूढ़ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1996 में आई फिल्म माचिस से की थी। माचिस के लिए चंद्रचूढ़ सिंह को फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू का अवॉर्ड मिला था। इसके बाद उन्होंने साल 1999 में फिल्म दाग द फायर में बतौर लीड एक्टर काम किया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी हालांकि इसके बाद आई उनकी फिल्में खास कमाल नहीं कर पाईं। धीरे -धीरे बॉलीवुड से चंद्रचूढ़ सिंह का नाम गायब हो गया। यहां तक कि उनके लुक में भी बहुत बदलाव आ चुका है।
परदेस, धड़कन और लज्जा जैसी फिल्मों में काम करने के बाद भी महिमा चौधरी नाम नहीं कमा पाईं। उन्होंने इंडस्ट्री में लगभग सभी बड़े नामों के साथ फिल्में की हैं लेकिन इससे उनके करियर को कोई फायदा नहीं मिला। फिल्म परदेस के लिए महिमा चौधरी ने फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू का अवॉर्ड जीता था।
90 के दशक की बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने अपनी बोल्ड अदाओं से दर्शकों के दिलों में एक खास पहचान बनाईं। ममता कुलकर्णी ने करियर के शुरुआती दिनों में फिल्म आशिक आवारा की थी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का न्यू फेस ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया गया। ममता का करियर ठीक चल ही रहा था कि तभी उनका नाम ड्रग तस्करी करने वाले विजय गोस्वामी के साथ जुड़ गया। तस्करी के चलते विक्की जेल चला गया। ड्रग तस्करी से नाम जुड़ने के बाद ममता कुलकर्णी का करियर खत्म हो गया।
फरदीन खान बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो में शुमार थे और उनके इस हैंडसम लुक पर लड़कियां फिदा थीं। साल 1998 में फिल्म प्रेम अगन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले एक्टर फरदीन खान फिल्मों में ज्यादा कमाल नहीं कर पाए। प्रेम अगन के लिए फरदीन खान को फिल्मफेयर का बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड मिला था। फरदीन अब कम ही नजर आते हैं। पहले से उनके लुक में काफी बदलाव हो गया है।