आशियान समिट में गूंजी कुंभ नगरी प्रयागराज की आवाज़ !

Lucknow
  • “हमारे पास न केवल विचार हैं, बल्कि समाधान भी हैं — बस हमें अवसरों को अपनाना होगा।” — संदीप शुक्ला
  • मलेशिया में 28 अक्टूबर को हुआ ऐतिहासिक कॉमनवेल्थ–आशियान सम्मेलन, प्रयागराज के कवि संदीप शुक्ला ने किया भारत का प्रतिनिधित्व

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और युवा नेतृत्व का केंद्र बनी रही, जब 26 से 28 अक्टूबर तक 47वां आशियान (ASEAN) समिट भव्य तरीके से आयोजित हुआ। इस बार का विषय “सहयोग, नवाचार और भविष्य की साझेदारी” रहा। इसी मंच पर भारत की ओर से एक नई और प्रेरणादायक आवाज़ सुनाई दी — प्रयागराज के अंतरराष्ट्रीय कवि और युवा प्रतिनिधि संदीप शुक्ला की।

इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, तथा कई एशियाई और कॉमनवेल्थ देशों के प्रधानमंत्री, नीति-निर्माता, राजनयिक और युवा नेता मौजूद रहे। सम्मेलन में सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, नवाचार और व्यापार सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

  • भारत की तरफ़ से नई सोच, नई आवाज़

भारत का प्रतिनिधित्व जहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने औपचारिक सत्रों में किया, वहीं युवा और सांस्कृतिक वर्ग की ओर से प्रयागराज के कवि संदीप शुक्ला ने अपने विचार रखकर देश का गौरव बढ़ाया।
संदीप ने मंच से कहा कि “अगर तकनीक मानवता की सेवा में न हो, तो विकास अधूरा है। AI और क्लीन टेक्नोलॉजी, भविष्य के भारत की आत्मा हैं — और कार्बन क्रेडिट मार्केट इसका नैतिक संतुलन।” उनकी इस बात पर कई देशों के प्रतिनिधियों ने सहमति जताई। संदीप ने बताया कि उन्होंने अपने संबोधन में AI, Clean Tech और Carbon Credit Market जैसे आधुनिक विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

  • प्रयागराज से मलेशिया तक की प्रेरणादायक यात्रा

‘कुंभ नगरी प्रयाग’ से आने वाले संदीप शुक्ला की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है। संदीप ने बताया कि मैंने यह कोशिश की कि भारत की युवा सोच, जिम्मेदार पर्यावरण नीति और तकनीकी नवाचार की आवाज़ विश्व मंच तक पहुँचे। प्रयागराज की मिट्टी ने जो सिखाया है — वही मैं मलेशिया में कहने गया था।” उनकी बातों ने सम्मेलन के “Youth & Innovation” सत्र को नई दिशा दी।

  • सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे

* सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग और नवाचार पर विस्तृत विमर्श।
* जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा और सतत विकास पर साझा प्रतिबद्धता।
* शिक्षा, डिजिटल तकनीक और युवाओं की भूमिका को लेकर ठोस योजनाएं।
* कार्बन क्रेडिट मार्केट और ग्रीन इकॉनमी को लेकर संयुक्त नीति-निर्माण की पहल।

मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने उद्घाटन भाषण में कहा कि “एशिया का भविष्य युवाओं और नवाचार पर टिका है। हर देश की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मंचों से नई सोच को सामने लाए।” अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल के एक सदस्य ने कहा कि “भारत के युवा प्रतिनिधि ने जिस स्पष्टता से तकनीक और नैतिकता के मेल की बात की, वह सराहनीय है।”

  • ASEAN समिट 2025 का ऐतिहासिक महत्व

* यह ASEAN इतिहास का सबसे बड़ा सम्मेलन माना गया, जिसमें 11 देशों ने भाग लिया।
* इस समिट में Timor-Leste को आधिकारिक तौर पर ASEAN का 11वां सदस्य बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
* अमेरिका, जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे वैश्विक साझेदार भी इसमें शामिल हुए।
* भारत ने Indo-Pacific, Digital Economy और Regional Innovation Framework पर कई प्रस्ताव रखे।

  • भारत के लिए गौरव का क्षण

भारत की ओर से इस सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि “ASEAN के साथ भारत का रिश्ता सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि साझा मूल्यों, साझी जिम्मेदारियों और साझे भविष्य पर आधारित है।” उनके साथ भारत के युवा प्रतिनिधि के रूप में संदीप शुक्ला की मौजूदगी ने इस समिट में “नए भारत की नई आवाज़” का संदेश दिया।

  • ‘युवा सोच’ को मिला वैश्विक मंच

यह पहला मौका था जब प्रयागराज जैसे शहर से कोई युवा प्रतिनिधि ASEAN शिखर सम्मेलन जैसे वैश्विक मंच पर पहुंचा।
स्थानीय स्तर पर इस खबर ने छात्रों, युवा उद्यमियों और लेखकों के बीच उत्साह पैदा किया है। प्रयागराज के युवा कवि समाजसेवी शिवम भगवती ने कहा कि “संदीप शुक्ला का यह कदम इस बात का प्रतीक है कि आज भारत का युवा केवल दर्शक नहीं, बल्कि वैश्विक नीतियों का सहभागी है।”

  • भविष्य की दिशा

संदीप शुक्ला अब भारत लौटने के बाद ASEAN देशों के साथ मिलकर AI & CleanTech Youth Collaboration Program पर काम करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि भारत को ऐसे मंचों पर युवाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए।