(www.arya-tv.com) मेयर सीट पर आरक्षण घोषित होते ही राजनीतिक दलों के बीच प्रत्याशियों को लेकर अटकले तेज हो गई है। बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस में टिकट की जुगाड़ लगाने वाले लोग शाम छह बजे रात दो बजे तक अपनी गुटबाजी मजबूत करने के लिए पहल तेज कर दी है।
हालांकि एक बार फिर सबसे ज्यादा लोग बीजेपी से ही टिकट पाने की कोशिश में लगे हुए है। बीजेपी , सपा , कांग्रेस और बसपा का चुनावी राजनीतिक और उनके यहां कौन लोग टिकट के दावेदार है यह समझने की कोशिश करते है ।
बीजेपी – वर्तमान मेयर से लेकर पूर्व मेयर के बेटे तक रेस में शामिल
बीजेपी में वर्तमान मेयर संयुक्ता भाटिया पहले ही बोल चुकी हैं कि वह चुनाव लड़ेंगी। हालांकि उम्र ज्यादा होने की वजह से उनके ऊपर सहमति न बन पाए। ऐसे में भाटिया परिवार बहू रेशू भाटिया के लिए टिकट चाहने में लगा है। इसके अलावा पूर्व मेयर अखिलेश दास गुप्ता के बेटे विराज दास भी रेस में सबसे आगे हैं। राजनाथ से लेकर पार्टी के बड़े नेताओं तक उनकी बात चल रही है।
इसके अलावा कारोबारी सुधीर हलवासिया, मुरलीधर अहूजा , बीजेपी नगर उपाध्यक्ष रह चुके सुनील मिश्रा,पार्षद रजनीश गुप्ता, लखनऊ महानगर उपाध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल गुड्डा का नाम शामिल है। इसके अलावा बलरामपुर अस्पताल के पूर्व निदेशक डॉ़ राजीव लोचन और केजीएमयू के डीन डॉ़ विनोद जैन के नाम की भी चर्चा है।
कांग्रेस – नकुल दुबे और फाकिर सिद्दकी लड़ाई में आगे
BSP छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व नगर विकास मंत्री नकुल दुबे लखनऊ मेयर की सीट पर चुनाव लड़ना चाहते है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष का पद संभाल चुके एक नेता ने बताया कि पार्टी से टिकट पाने के लिए कई लोग लगे हैं।
इसमें बोध लाल शुक्ला, साल 2017 में लखनऊ मध्य से चुनाव लड़ चुके महरूफ खान, फाकिर सिद्दकी, कारोबारी राजेश जयसवाल का नाम सबसे आगे है। टिकट पाने वालों में कई पूर्व विधायक भी कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि कांग्रेस से मेयर पद का टिकट पाने के लिए मौजूदा दो शहर अध्यक्षों में एक का नाम ऊपर चल रहा है। मनकामेश्वर मंदिर की महंत का नाम भी इस लिस्ट में बताया जा रहा है। हालांकि वह खुद कुछ भी कहने से बच रही है।
सपा – मीरा वर्धन से लेकर शिवपाल के करीबियों तक में लड़ाई
सपा से भी कई लोग टिकट के जुगाड़ में है। हालांकि अभी सभी शिर्ष नेता मैनपुरी में थे ऐसे में कोई हलचल नहीं थी। लेकिन अब बातें तेज होगी। बताया जा रहा है कि इसमें सबसे पहले नाम मीरा वर्धन का ही आ रहा है। इसके अलावा शिल्पी चौधरी का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा अजय वर्मा का नाम भी तेजी से सामने आ रहा है।
चर्चा यह भी है कि शिवपाल सिंह यादव अपनी पार्टी का सपा में विलय करने वाले हैं। ऐसे में उनके कोटे से भी लखनऊ का मेयर प्रत्याशी हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो सबसे पहला नाम अजय त्रिपाठी मुन्ना का आता है। वह कारोबारियों के नेता है। पिछले दो दशक से शिवपाल के करीबी लोगों में शामिल है।
बसपा में कोई बात नहीं करना चाहता
बसपा में बहन मायावती का खौफ दिख रहा है। वहां अभी कोई बात नहीं करना चाहता है न कोई हलचल दिखाई देता है। बताया जा रहा है कि मायावती ही इस पर आखिरी निर्णय लेगी। अब कोई भी नेता अपना नाम पहले देकर नुकसान नहीं कराना चाहता है।
ऐसे में जिसको लड़ना भी है वह केवल मायावती से संपर्क साधना चाहता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि लड़ने वाले तो बहुत हैं लेकिन कोई चाहता नहीं कि उनका नाम पहले आए। इसमें फायदा से ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।