(www.arya-tv.com)यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद यूपी के करीब 3000 छात्र वहां फंस गए हैं। रूस के बॉर्डर एरिया के शहरों में हालात तनावपूर्ण हैं। वहीं, पोलैंड से सटे हुए शहरों में भी गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई है। सड़कें और बाजार सेना के कब्जे में हैं। सिर्फ 8 घंटे में इन शहरों के हालात बदल चुके हैं।
सेना के नियंत्रण वाले इलाकों में हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति
तरनोपिल शहर के जिन मेडिकल स्टूडेंट्स ने बुधवार देर शाम ये बताया था कि हालात काबू में हैं, वो गुरुवार सुबह तक हमला शुरू होने के बाद दहशत में हैं। क्योंकि, सेना के नियंत्रण वाले इलाकों में हाउस अरेस्ट जैसी स्थिति है। अब उनके लिए देश छोड़ना भी थोड़ा मुश्किल हो गया है।
सबसे पहले आपको बता दें कि भारत की तुलना में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई बहुत सस्ती है। इसलिए यूपी के कई शहरों के छात्र हर साल वहां जाते हैं। युद्ध जैसे हालात बनने के बाद हमने तरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के ऐसे छात्रों से संपर्क साधा, जोकि यूपी के शहरों से संबंध रखते हैं।
यूपी के कई शहरों के 150 से ज्यादा छात्र वहां पढ़ रहे हैं
गौतमबुद्धनगर के रवि मेहता बताते हैं कि यूपी के कई शहरों के 150 से ज्यादा छात्र वहां पढ़ रहे हैं। बुधवार रात को बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि हालात उतने डरावने नहीं हैं। स्थितियां सामान्य हैं…लेकिन गुरुवार सिर्फ कुछ घंटों के अंदर हालात पूरी तरह से बदल चुके थे।
हालात डराने वाले थे। अब बॉर्डर एरिया में विस्फोट हो रहे हैं। सड़कों पर अफरा-तफरी है। बाजार में कुछ ही सुपर मार्केट खुले हैं। जिन पर लोगों की लंबी लाइनें हैं। यही हालात बैंक में हैं। क्योंकि, वहां लंबी लाइनें लगी हैं। बाकी सड़कों पर अब सन्नाटा पसर चुका है। सेना के जवान घर से बाहर निकलने वालों से पूछताछ कर रहे हैं। वहां लोग दहशत में हैं।
अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ गया है। केंद्र सरकार ने एयरलाइन कंपनियों से यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने पर बातचीत शुरू की है।
सरकार यूक्रेन तक अतिरिक्त उड़ानें भेज सकती है
सरकार यूक्रेन तक अतिरिक्त उड़ानें भेज सकती है। यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं। जिनमें ज्यादातर मेडिकल के छात्र हैं। जानकारी के अनुसार, कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का सर्वे कराया था, ताकि पता चले कि कितने छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इसका मकसद था कि यदि हालात ज्यादा खराब हो तो सभी बच्चों को निकाला जा सके। साथ ही दूतावास छात्रों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।