कांग्रेस ने आधी आबादी को लाया सियासत के केंद में;बाकी सियासी दल हुए मजबूर

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(www.arya-tv.com)‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी की महिलाओं को फिलहाल प्रदेश में सियासत के केंद्र में ला दिया है। चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का वादा और पहली बार महिलाओं के लिए अलग घोषणा-पत्र जारी कर प्रियंका ने बाकी सियासी दलों को मजबूर कर दिया है। यह लाचारी ही सही अब सभी सियासी दल आधी आबादी की बात करने लगे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयाग राज में विशाल महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अरबों रुपए की सौगात देंगे।

अब सपा और बसपा में भी महिलाओं की भूमिका तय

सिर्फ भाजपा ही नहीं अब सपा और बसपा में भी महिलाओं की भूमिका तय होने लगी है। सभी दल अपने-अपने तरीके से इस आधी आबादी को साधने की जुगत में जुटे हुए है। दरअसल, साल 2017 के विधानसभा चुनावों में करीब 4 करोड़ महिलाओं ने वोट दिया था। ये संख्या पुरुषों के मुकाबले 4 प्रतिशत अधिक थी। पुरुषों के 59 प्रतिशत के मुकाबले 63 फीसदी महिलाओं ने वोट कर अपनी ताकत का एहसास कराया था। महिला वोटर्स के इसी ताकत को समझते हुए ही इस बार कांग्रेस ने अपना फोकस जातिगत रणनीति की बजाय महिलाओं पर रखा है।

 BJP का युवाओं और महिलाओं के लिए खास ऐलान

कांग्रेस ने 40 फीसदी टिकट और अलग घोषणा पत्र जारी किया तो भाजपा ने भी इस आधी आबादी पर फोकस बढ़ा दिया। प्रयागराज में बड़ा सम्मेलन कर महिलाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम बनाया गया। इस आयोजन में पीएम मोदी उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं,बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों और स्वयं सहायता समूहों की तरफ से संचालित पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों को करोड़ों रुपयों की सौगात देंगे। साथ ही मातृ शक्ति से संवाद भी करेंगे। इतना ही नहीं पार्टी अपने संकल्प-पत्र में भी युवाओं और महिलाओं के लिए खास ऐलान करने जा रही है।

समाजवादी पार्टी को भी अब आधी आबादी की चिंता

साल 2010 में संसद में महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करने वाली समाजवादी पार्टी भी अब आधी आबादी की चिंता सताने लगी है। इन्हें साधने की जिम्मेदारी डिंपल यादव को दी गई है। महिलाओं की कमान पार्टी में डिंपल यादव और महिला सभा की अध्यक्ष जूही सिंह का हाथों में है। जूही सिंह जिलों-जिलों में जाकर महिलाओं से संवाद कर रही है। इतना ही नहीं पार्टी के एक बड़े सीनियर लीडर ने बताया कि घोषणा पत्र में इस बार महिलाओं के लिए भी बहुत कुछ है। अखिलेश यादव की सरकार में महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन योजना शुरु की गई थी। सरकार बनने पर दोबारा इसे सरकार शुरु कर सकती है।

BSP में पहली बार किसी महिला नेता को बड़ी जिम्मेदारी

पहली बार बसपा में मायावती के बाद किसी महिला नेता को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सतीश मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा प्रबुद्ध महिला सम्मेलन के जरिये महिलाओं को जोड़ने का काम कर रही है।देश की सियासत में नए प्रयोग हो रहें है। महिलाएं एक बड़ा वोट बैंक बनती जा रही हैं। बंगाल और बिहार के चुनाव इस बात का गवाह है कि महिला वोटरों ने कैसे चुनाव के नतीजे बदल डाले। बसपा में मायावती के अलावा कोई दूसरा बड़ा महिला चेहरा नहीं है जो सीधे महिलाओं से कनेक्ट हो सके। बसपा में कल्पना मिश्रा शायद यही कमी पूरी कर पाएं।