जो देश का दुश्मन वो हमारा भी दुश्मन है —- विश्व प्रकाश रूपन

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भारत पर आतंकी हमलों के विरोध में उठाये गये भारत सरकार के कदम के साथ अयोध्या का संपूर्ण व्यापारी समाज है,और अलग थलग पाकिस्तान को ऐसे वक्त में सहयोग करने वाले कृतघ्न देश टर्की व अज़रबैजान के साथ तोड़े जा रहे आर्थिक संबंध और किए जा रहे बहिष्कार का भी व्यापार अधिकार मंच मोदी सरकार के साथ खड़ा रहकर समर्थन करता है।
महानगर प्रभारी विश्व प्रकाश रूपन ने कहा जो देश का दुश्मन वो हमारा दुश्मन है।

प्राकृतिक आपदा के समय मानवीय मूल्यों का ध्यान रखकर टर्की, अज़रबैजान की मदद भारत ने सबसे पहले की,तो वहीं बेशर्म टर्की अज़रबैजान आतंकियों के सरपरस्त पाकिस्तान के समर्थन में आकर भारत सरकार के विरुद्ध साजिश में शामिल हो गए हैं।
यह नहीं चलेगा। इसलिए भारत के एक सौ चालीस करोड़ देशवासियों को एकजुट होकर एसे देश के साथ पूरी तरह आर्थिक संबंध तोड़कर उसका बहिष्कार करना है।

राष्ट्रीय संयोजक मा सुशील जायसवाल के नेतृत्व में आज अयोध्या के बाजारों में घूम घूम कर व्यापार अधिकार मंच के सैकड़ों पदाधिकारियों ने फल, सराफा,सूखा मेवा,आदि सामान जो वहां से आते हैं उन मंडियों के कारोबारियों से मिलकर उन उत्पादों का बहिष्कार करने हेतु व्यापारियों से जनसंपर्क भी किया।
इस अवसर पर महानगर प्रभारी विश्व प्रकाश रूपन, उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सोनी रामू,नगर अध्यक्ष रमेश जायसवाल, प्रवीण रस्तोगी के साथ आज के संयोजक राजेश माखेजा,सह संयोजक राजकुमार मोटवानी दयाल यादव,लक्ष्मण माखेजा, अंकित चौरसिया, रत्नाकर मिश्र, विपिन गुप्ता, राजकमल कौशल, अर्जुन गुप्ता, अश्वनी अग्रवाल, राजेश जायसवाल, सुशील मंध्यान,राजेश रस्तोगी,नीतेश रस्तोगी,अंशू अग्रवाल, नीरज जायसवाल,रामकुमार,मो तैय्यब,आदि सैकड़ों व्यापारियों ने शहीद स्मृति स्थल चौक पहुंच कर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले तीनों सेनाओं व आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुए वीरों को जहां पुष्प अर्पित कर नमन किया तो वहीं युद्ध के लिए उकसाने की हरकत करने वालों को देश द्रोही करार दिया।

आगामी सोमवार को अयोध्या व्यापार अधिकार मंच के पदाधिकारी जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से केंद्र सरकार को धन्यवाद पत्र भी प्रेषित करेंगे।
देश की सुरक्षा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे हर कदम के साथ अयोध्या का व्यापारी समाज साथ खड़ा रहेगा।

व्यापार अधिकार मंच के इस कार्यक्रम की सराहना व चर्चा संपूर्ण व्यापारी समाज ने मुक्त कंठ से कीहै।