जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण हटाने के लिए चलेगा बुलडोजर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, फ्लैग मार्च निकाला

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(www.arya-tv.com)दिल्ली के जहांगीरपुर हिंसा के बाद MCD ने अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है। MCD के मुताबिक, इलाके में अवैध निर्माण गिराने के लिए 20 और 21 अप्रैल को बुलडोजर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए MCD के तरफ से डिप्टी पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा गया है, जिसमें इलाके में 400 से ज्यादा जवानों की तैनाती मांग की है।

जहांगीरपुरी में भारी तादाद में पुलिसबल तैनात किया गया है। यहां फ्लैग मार्च भी निकाला गया है ताकि पथराव जैसी घटना न दोहराई जा सके। लोगों ने अपना सामान भी हटाना शुरू कर दिया है।

प्रशासन के इस फैसले के बाद इस पर सियासत भी शूरू हो गई है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रशासन के फैसले का विरोध जताया साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।

जमात-ए-इस्लामी हिंद का आरोप- पुलिस की ढिलाई बनी उपद्रव की वजह
जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जहांगीरपुरी हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय से मुलाकात की। JIH ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की ढ़िलाई को वजह बताया है। कहा कि यह एक पहले से रची गई साजिश थी। हिंसा से पहले 2 बार जुलूस निकाला जा चुका था। फिर भी इफ्तार और नमाज के ठीक समय तीसरा जुलूस निकाला गया।

पुलिस की अनुमति के बिना ये जुलूस निकाले गए। जुलूस में शामिल लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे। कुछ लोग हथियारों का प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दिल्ली पुलिस लापता था, अगर पुलिस बल मौके पर मौजूद होता तो हिंसा नहीं होती।

आरोपियों का समर्थन करना सही नहीं- भाजपा नेता
वहीं उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद हंस राज हंस ने कहा हिंसा के आरोपियों का समर्थन करना सही नहीं है। लोगों को मारने वाले इंसान नहीं जानवर होते हैं, उनका कोई धर्म नहीं हो सकता। मेरी सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील है कि धर्म के लिए अपराधियों का समर्थन न करें। उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना से मुलाकात कर हिंसा पर चर्चा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

5 आरोपियों पर लगा रासुका
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा के दौरान एक आरोपी को पिस्टल देने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इसकी पहचान गुल्ली के रूप में हुई है। इससे पहले हिंसा मामले में गिरफ्तार हुए 5 आरोपियों पर रासुका लगाया गया है। इनमें अंसार, सलीम, सोनू, दिलशाद, आहिर शामिल हैं। अब दंगे में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के शामिल होने की भी जांच होगी।