www.arya-tv.com) द केरल स्टोरी फिल्म से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। तमिलनाडु सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि उन्होंने फिल्म पर किसी तरह का बैन नहीं लगाया है। दर्शक खुद ही फिल्म देखने नहीं जा रहे जिसके चलते थियेटर मालिकों ने फिल्म की स्क्रीनिंग बंद कर दी।
तमिलनाडु सरकार की तरफ से दायर एक हलफनामे में कहा गया कि, सरकार थियेटर्स में सुरक्षा दे सकती है, दर्शकों को नहीं ला सकती।
बड़े सितारों की कमी और खराब प्रदर्शन भी वजह
सरकार ने जवाब में आगे कहा, मल्टीप्लेक्स मालिकों ने 5 मई से फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करने का निर्णय खुद लिया है। ये डिसीजन उन्होंने फिल्म से जुड़ी आलोचनाओं, बड़े सितारों की कमी और खराब प्रदर्शन के चलते लिया है। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
सरकार ने शैडो बैन के आरोपों को बताया झूठा
तमिलनाडु सरकार ने फिल्म मेकर्स के शैडो बैन करने के आरोपों का भी खंडन किया। सरकार ने कहा कि फिल्म को 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज किया गया था और फिल्म मेकर्स के पास ऐसा कोई लिखित में सबूत नहीं है जिसमें सरकार की तरफ से फिल्म स्क्रीनिंग बंद करने की बात कही गई हो।
तमिलनाडु में मुस्लिम संगठनों ने किया था प्रदर्शन
केरल स्टोरी फिल्म के खिलाफ पांच मई को मुस्लिम संगठनों की तरफ से करीब 20 जगहों पर प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद 6 मई को चेन्नई और फिर अगले दिन कोयम्बटूर में विरोध हुआ। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुल 9 मामले दर्ज किए गए जिसमें चेन्नई में पांच और कोयम्बटूर में चार मामले दर्ज किए गए।