मदरसा बोर्ड में फर्जी अंकतालिकाओं, बदले हुए पन्नों, जाली दस्तावेजों व फर्जी नियुक्तियों के गिरोह का खुलासा हाल के दिनों में हुआ। इस गिरोह के खिलाफ ब्रिटेन की नागरिकता हासिल कर मदरसा शिक्षक के पद पर तैनात शमशुल हुदा खान के वेतन भुगतान की जांच के बाद कार्रवाई तेज हुई। जब जांच का दायरा बढ़ा तो पूरब से लेकर पश्चिम के जिलों तक अपनी जड़े फैला चुके इस गिरोह के सदस्यों के नाम सामने आने लगे। इस फर्जीवाड़े में बोर्ड में बैठे अधिकारियों के शामिल होने की पुष्टि हुई। इस फर्जीवाड़े का सारा खेल राजधानी की बहुचर्चित बिल्डिंग जवाहर भवन के सातवीं मंजिल से किया जा रहा है। इस मंजिल पर वक्फ बोर्ड का आफिस है। जिसमें तैनात कर्मचारी जरूरत के हिसाब से अपना विभाग भी बदल देते हैं। कभी मदरसा बोर्ड में तैनाती दिखाते है तो कभी वक्फ बोर्ड में। इसी की आड़ में फर्जीवाड़े का खेल खुलेआम खेलते चले आ रहे हैं।
मदरसा बोर्ड में फर्जी अंकतालिकाएँ कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि एक संगठित ऑपरेशन है। इस संगठित ऑपरेशन का अनौपचारिक मुख्यालय है जवाहर भवन की सातवीं मंज़िल का वक्फ कार्यालय और इसका संचालन पूर्व रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह बिष्ट द्वारा किया जा रहा है। जवाहर भवन की सातवीं मंजिल में वह अक्सर उन्हीं पुरानी फाइलों के बीच गिरोह के सदस्यों के साथ बैठे मिलते हैं। यहां मौजूद लोग कभी वक्फ विभाग के कर्मचारी होते हुए बिना किसी लिखित आदेश के मदरसा बोर्ड में संबद्ध रहे। वहीं कूट रचित फाइलों को तैयार करने, अंकपत्र बनाने और फर्जी सत्यापन के खेल में शामिल हैं।
शाम होते ही गुलजार होता है जवाहर भवन का सातवां तल
यहीं से पूरब के कुशीनगर से लेकर पश्चिम के बरेली और मुरादाबाद तक अंकपत्र सत्यापन, कूटरचना और फर्जी सर्टिफिकेटों के प्रसारण का नेटवर्क तैयार किया गया है। जवाहर भवन की सातवीं मंजिल मदरसा बोर्ड का साइड ऑफिस बन गया है। यहां रोज शाम सात बजे के बाद अंकपत्र गिरोह की सक्रियता बढ़ती है। सारे फर्जीवाड़े को हरी झंडी दी जाती है। इस गिरोह के मुख्य कर्ताधर्ता पूर्व रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह बिष्ट की तैनाती किसी भी जनपद या मंडल में हो, लेकिन उनका काम यहीं से संचालित होता है। वर्तमान में जगमोहन सिंह बिष्ट की तैनाती मुरादाबाद मंडल में है। पर, वह जवाहर भवन से ही अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। सूत्रों की माने तो वह वर्षों से इसी जगह से काम करते रहे हैं।
