(www.arya-tv.com) गगनयान मिशन के जरिए भारत ने अंतरिक्ष में मानव की उड़ान को साकार करने का सपना देखा है। इसके लिए एयरो डायनामिक डीसेलेरेटर प्रणाली का विकास किया गया है। इसकी सहायता से अंतरिक्ष यात्री सहित क्रू- मॉड्यूल को पृथ्वी पर सुरक्षित उतारा जाएगा। ADRDE वैज्ञानिकों ने प्रणाली में लगा पैराशूट सिस्टम विकसित किया है। शनिवार को पैराशूट सिस्टम को आगरा से बेंगलुरु के लिए रवाना कर दिया गया है। माना जा रहा है कि जुलाई 2023 में परीक्षण वाहन की पहली उड़ान हो सकती है।
- अब आपको गगनयान क्रू मॉड्यूल के पैराशूट सिस्टम के बारे में बताते हैं…
10 पैराशूट होंगे इस सिस्टम में
गगनयान क्रू मॉड्यूल के पैराशूट सिस्टम में 10 पैराशूट होंगे। भविष्य में पृथ्वी की निचली कक्षा से गगनयान अंतरिक्ष यात्रियों के जमीन पर लैंडिंग के लिए पहले चरण में 2 खास पैराशूट यानी अपेक्स कवर सेपरेशन पैराशूट होंगे। ये पैराशूट क्रू मॉड्यूल पैराशूट सिस्टम में सुरक्षा कवर की तरह काम करेंगे। एपेक्स कवर क्रू- मोड्यूल में लगे विभिन्न प्रकार के पैराशूट की बाहरी वातावरण से सुरक्षा करता है।
2 ड्रोग पैराशूट करेंगे स्पीड कंट्रोल
इसके बाद पृथ्वी की निचली कक्षा से नीचे धरती की तरफ आते हुए अंतरिक्ष यात्रियों की रफ्तार को कम करने और नीचे उतरने की इस प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए 2 ड्रोग पैराशूट भी इस्तेमाल में लाए जाएंगे। बता दें कि खुले सिरों वाले एक फनल के आकार के डिवाइस को ड्रोग कहा जाता है। ये ड्रोग तेज रफ्तार वाली किसी भी वस्तु की स्पीड को कम करने का काम करते हैं।
फिर 3 खास पायलट शूट का होगा इस्तेमाल
ड्रोग पैराशूट छोड़ने के बाद 3 खास पैराशूट को अलग-अलग खोलने के लिए 3 पायलट शूट का इस्तेमाल किया जाएगा। ये शूट एक झुका हुआ चैनल या रास्ता है, जिसमें वस्तुओं को गुरुत्वाकर्षण के जरिए चलाया या संचालित किया जाता है। ये लैंडिंग से पहले गगनयान क्रू मॉड्यूल की रफ्तार को एक सुरक्षित स्तर तक कम करने में मदद करेगा। धरती पर अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग लिए 3 खास या अहम पैराशूट में से 2 ही काफी होंगे और तीसरे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
क्रू-मॉडयूल को सुरक्षित पृथ्वी पर उतारेगा पैराशूट
ADRDE के डायरेक्टर डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि क्रू-मॉड्यूल में अंतरिक्ष यात्री को पृथ्वी की निचली कक्षा में एक सप्ताह के लिए ले जाया जाएगा। क्रू-मॉड्यूल को पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा प्रवेश के बाद ADRDE द्वारा विकसित पैराशूट प्रणाली की सहायता से पृथ्वी पर सुरक्षित उतारा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रणाली में विभिन्न प्रकार के पैराशूट होंगे। सभी पैराशूट पर अलग-अलग परीक्षण किए गए हैं। परीक्षण वाहन की उड़ान द्वारा पहली बार संपूर्ण पैराशूट प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा।