(www.arya-tv.com)किसान आंदोलन का सीधा असर ट्रांसपोर्टर और व्यापार भी नजर आने लगा है। मार्केट में लगातार सामानों की मांग बढ़ रही है, लेकिन तय समय से माल नहीं पहुंचने के कारण व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। आंदोलन के चलते 30 से 40 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में नहीं पहुंच पा रही हैं। इस हिसाब से रोज 200 से 250 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के उपाध्यक्ष विजय कालरा ने अमर उजाला को बताया कि,’पूरे देश में छोटी और बड़ी मिलाकर 95 लाख ट्रांसपोर्ट व्हीकल है। किसान आंदोलन के चलते पंजाब, दिल्ली, यूपी के अलावा राजस्थान के भी कुछ क्षेत्रों में ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। इन क्षेत्रों में हमारी गाड़ियां नहीं पहुंच पा रही हैं, कुछ जा भी रही हैं तो समय से माल नहीं पहुंच पा रहा है।
आंदोलन के डर से ड्राइवर भी गाड़ियों को लेकर जाने से बच रहे हैं। फिलहाल 30 से 40 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में नहीं पहुंच पा रही हैं। इस हिसाब से रोजाना 200 से 250 करोड़ का नुकसान हो रहा है। आने वाले दिनों में अगर पूरी तरह से जाम होता है तो ये नुकसान बहुत बढ़ सकता है।‘
चैंबर्स ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजकुमार भाटिया ने अमर उजाला को बताया कि, ‘आंदोलन का असर साफ देखने को मिल रहा है। दिल्ली से सटे राज्यों से 20 से 25 प्रतिशत कम गाड़ियां मंडी पहुंच पा रही हैं। वहीं दूसरे राज्यों से भी डिमांड नहीं आ रही है।’
60 प्रतिशत ट्रांसपोर्टर किसान परिवार से आते हैं
एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतार सिंह अटवाल ने अमर उजाला से कहा, ‘किसान आंदोलन का प्रभाव पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। लेकिन दिल्ली पहुंचने के अन्य मार्ग फिलहाल खुले हुए हैं इसलिए ज्यादा परेशानी का सामाना नहीं करना पड़ रहा है। पूरे भारत में 60 प्रतिशत ट्रांसपोर्टर किसान परिवारों से ही आते हैं। इसलिए हमारे एसोसिएशन ने इस आंदोलन को नैतिक समर्थन भी दिया है। हम 70 प्रतिशत कृषि उत्पादों का ट्रांसपोर्टेशन पूरे देशभर में करते हैं।’
उनके मुताबिक दिल्ली जयपुर राजमार्ग एनएच 8 पर किसानों के आंदोलन के कारण 8 से 10 हजार ट्रक फल,सब्जी और अन्य जरुरी सामानों को लेकर फंसे हुए हैं। ट्रकों को 100 से 150 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ रहा है। अटवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली का राजमार्ग जाम होने के चलते राजस्थान के पुलिसकर्मियों द्वारा ड्राइवरों को डरा धमका कर अवैध वसूली तक की जा रही है।