(www.arya-tv.com)अखिल भारतीय अखाड़़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की गुत्थी अब भी उलझी हुई है। इस मामले में आनंद गिरि और आद्या तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। इनकी आज पेशी कोर्ट में पेशी होगी। पुलिस रिमांड लेने के लिए अर्जी दाखिल करेगी। जबकि 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है। जांच एसआईटी को सौंपी गयी है। 18 सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व सीओ अजीत सिंह चौहान कर रहे हैं।
उधर, लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि पवन महराज की ओर से स्वामी आनन्द गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस स्वामी आनन्द गिरी से प्रयागराज पुलिस लाइंस में पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से महंत की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
पूछताछ में पता चला 5 दिनों से तनाव में थे महंत नरेंद्र गिरि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत नरेन्द्र गिरि के निधन को आध्यात्मिक जगत की अपूर्णीय क्षति बताया। अखाड़़ा परिषद के अध्यक्ष के करीबी शिष्य स्वामी आनन्द गिरि, मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी सहित छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अलग-अलग जगहों पर उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को शिष्यों से बातचीत में पता चला है कि वह लगभग पांच दिनों से तनाव और चिंता में थे।
अखाड़े के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए
पुलिस बाघम्बरी गद्दी के गेट से लेकर अन्दर तक लगे सीसीटीवी फुटेज भी तलाश रही है। मठ के शिष्यों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस को पता चला है कि सपा सरकार के एक पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री और आनन्द गिरि के रिश्ते प्रगाढ़ हैं। गुरु और शिष्य के बीच विवाद बढ़ने के बाद सपा के पूर्व मंत्री ने ही उनमें सुलह कराई थी। पुलिस पूर्व मंत्री सेभी पूछताछ कर रही है। पुलिस महंत नरेन्द्र गिरि की मौत से पहले छह से 10 घंटे के बीच जिन–जिन लोगों से बात हुई है। उन सभी नम्बरों को निकाल कर जांच कर रही है। पुलिस को महंत के मोबाइल से भी कई अहम सुराग मिले हैं। उनके मोबाइल को जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भेज दिया गया है।
महंत के बहनोई बोले-दूसरों को ज्ञान देते थे वह आत्महत्या नहीं कर सकते
प्रतापगढ़ के मान्धाता के पनियारी गांव निवासी महंत नरेन्द्र गिरि की बहन उर्मिला सिंह व बहनोई भागीरथी सिंह व अन्य रिश्तेदारों ने बाघम्बरी मठ पहुंच उनका दर्शन किया। उर्मिला सिंह ने बताया कि उनके भाई नरेन्द्र गिरि के सन्यास लेने के बाद उनकी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। वहीं महंत के बहनोई भागीरथी सिंह ने कहा कि महंत नरेन्द्र गिरि दूसरों को ज्ञान देते थे, वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकते।
