अब तुमसे राखी बंधाई में चॉकलेट नहीं मागूंगी…भैया लौट आओ;रक्षाबंधन से पहले भाई की हत्या

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(www.arya-tv.com)‘’मैं हर रक्षाबंधन अपने भाई को चॉकलेट के लिए परेशान करती थी। उससे महंगी वाली चॉकलेट मंगवाती थी। वह मेरे लिए हर रक्षाबंधन पर चॉकलेट का पूरा डिब्बा लाता था। हम दोनों के बीच रक्षाबंधन के पहले से ही गिफ्ट को लेकर नोक-झोंक हुआ करती थी। अरे कोई मेरे भाई को ले आओ… उससे कह दो अब मैं उसे कभी परेशान नहीं करूंगी। वो मुझसे रूठकर कहीं चला गया है। कोई उसे बुला दो…भगवान के लिए बुला दो। बस एक बार मुझे उसे सॉरी कह लेने दो।”

ये दर्द है खुशी यादव का। खुशी पंकज की छोटी बहन है। बुधवार को थरवई में क्लीनिक के अंदर पंकज यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भाई की मौत के बाद से खुशी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोते-रोते बेहोश हो जा रही है। गुमसुम सी है। जब उसे कोई बुलाता है तो वह यही कहकर बिलख पड़ती है। उसका रोना सुनकर हर किसी की आंखें नम हो जा रही हैं।

बहन हर आहट पर कहती- पंकज आ गया क्या
तेलियरगंज के आजाद मार्केट पहुंचने पर गली में कोई 20 कुर्सियां पड़ी मिलीं। फर्राटा चल रहा था। पंकज के कुछ दोस्त चचेरे भाई दीपक यादव के साथ बैठे थे। तभी रोती-बिलखती पंकज की बुआ सीढ़ियों से नीचे उतरती हैं। कहती हैं, क्यों मेरे भतीजे को मार दिया। उसका क्या दोष था। घर में पिता दरोगा बद्री प्रसाद यादव गुमसुम एक किनारे बैठे थे। दूसरे कमरे में बहन बेसुध पड़ी थी।

उसे संभालने समझाने के लिए चाचा के बेटे और चाची बैठी थी। खुशी की सूनी आंखें अपने भाई को ढूंढ रही थीं। हर आहट पर कहती पंकज आ गया क्या। मेरा भाई कहां है। कोई उसे ला दो। कोई उसे ला दो। यह कहते कहते वह चुप हो जा रही थी।

पता न था 2 हजार रुपए के लिए मेरे भाई की हत्या कर देगा
हमारी मुलाकात घर के बाहर बैठे दीपक यादव से हुई। पंकज दीपक के चाचा का बेटा है। दीपक ने बताया, हमारा भाई बहुत सीधा सादा था। वह बहुत मिलनसार था। गोली मारने वाले रोहित के बारे में उसने कभी कोई जिक्र नहीं किया था।

दरअसल, रोहित के क्लीनिक के पास ही एक चाय की दुकान है। पंकज वहीं घर बनवा रहा था। बीच-बीच में चाय-पानी पीने जाता था। वहीं उसकी मुलाकात रोहित से हो गई। बातचीत और व्यवहार हो गया। रोहित ने पंकज से पांच हजार रुपए दिए थे। इसमें से 3 हजार रुपए लौटा भी दिए थे। केवल 2 हजार रुपए बचे थे।

हसनपुर कोरारी सराय चंडी थाना थरवई ​​​​के रहने वाले ​​​बद्री प्रसाद यादव का तेलियरगंज में भी मकान है। उनका बेटा पंकज यादव 40 नंबर गुमटी थरवई में मकान बनवा रहा था। निर्माणाधीन मकान के पास ही जन कल्याण चिकित्सालय है।

पंकज यादव के चचेरे भाई अमित यादव ने बताया, भाई ने बुधवार की रात को फोन कर बताया था कि रामपुर गौरा थाना फतनपुर प्रतापगढ़ का रहने वाले रोहित यादव ने पांच हजार रुपए उधार लिए थे। रोहित उधार का पैसा वापस नहीं कर रहा था। इसको लेकर दोनों के बीच कई बार कहासुनी हो चुकी थी।डीसीपी गंगानगर, अभिषेक भारती ने बताया कि आरोपी रोहित यादव झोलाछाप डॉक्टर था। पहले वह वार्ड ब्वाय का काम करता था। बाद में क्लीनिक खोल ली थी। अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि पंकज यादव ने पांच हजार रुपए रोहित को उधार दिए थे। इन्हीं रुपयों को लेकर विवाद हुआ था। रोहित यादव को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें लगी हैं। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी होगी।