वाराणसी में बनेगा टेक्सटाइल पार्क, बोले राकेश सचान- बुनकरों की कारीगरी को संरक्षित और आगे बढ़ाने को सरकार प्रतिबद्ध

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वाराणसीः प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान और मंत्री रविंद्र जायसवाल ने शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजनांतर्गत अनुमन्य वित्तीय सुविधाओं पर बैठक की। इस दौरान सचान ने घोषणा की कि जनपद के रमना में 75 एकड़ में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा।

सचान ने बुनकरों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बैठक का उद्देश्य बुनकरों की प्रगति और कल्याण है। उन्होंने कहा कि बुनकरों की कारीगरी को संरक्षित करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बुनकरों से सौर ऊर्जा अपनाने की अपील करते हुए कहा कि सोलर पैनल लगाने पर सरकार भारी सब्सिडी प्रदान कर रही है।

साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया कि टेक्सटाइल पार्क के निर्माण के लिए कार्य प्रगति पर है और बुनकरों की मांगों के अनुरूप उचित सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बुनकरों के साथ हरसंभव सहयोग के लिए तत्पर है और उनके सुझावों पर सर्वसम्मति से अमल किया जाएगा। बैठक में बुनकर प्रतिनिधियों ने विद्युत सब्सिडी की मांग के साथ-साथ वस्त्रोद्योग की बेहतरी और बुनकरों की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। अपर मुख्य सचिव अनिल सागर ने बताया कि पावरलूम, हथकरघा आदि के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग चार लाख बुनकर हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक विद्युत सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, बुनकरों को प्रतिवर्ष लगभग 900 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बुनकरों को सौर ऊर्जा की ओर बढ़ने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे उनके विद्युत बिल में कमी आएगी। साथ ही, आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराने की बात भी कही।

मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार बुनकरों की भलाई के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि बनारसी साड़ी ने विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त की है, जिसका श्रेय बनारस के बुनकरों को जाता है। प्रधानमंत्री ने बनारस को निफ्ट सेंटर का उपहार दिया है, जिससे बुनकरों के बच्चे नई तकनीकों को सीख सकेंगे।

टेक्सटाइल पार्क के निर्माण से इस उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बुनकरों से नई तकनीकों और मशीनों का उपयोग कर अपने कारोबार को विस्तार देने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि स्वदेशी को अपनाने से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बनारसी साड़ी इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बुनकरों को पलायन नहीं करना पड़ेगा और उन्हें यहीं सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे अपने उद्यम को पुनः स्थापित कर सकें।