(www.arya-tv.com)कश्मीर में पर्यटन में तेजी और हिंसक घटनाओं में कमी आने के आंकड़ों के बीच आतंकियों ने एक बार फिर सिर उठाने की कोशिश की है। 24 घंटे में 2 हत्याएं कर सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती दी है। पहली हत्या गुरुवार को राहुल भट्ट नाम के कश्मीरी पंडित की हुई, फिर शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल को घर में घुसकर मार दिया गया।
सड़कों पर उतरे कश्मीरी पंडित
राहुल की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडित सड़कों पर उतर आए। उत्तरी कश्मीर के बारामूला से दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड तक प्रदर्शन हुए। दशकों बाद कश्मीरी पंडित एक साथ कई शहरों में सड़कों पर उतरे हैं। बडगाम के शेखपोरा ट्रांजिट कैंप के बाहर इकट्ठे हुए पंडितों के प्रदर्शन को कुचलने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले दागे।
शुक्रवार को कश्मीरी पंडितों ने सरकारी दफ्तरों का बहिष्कार भी किया। दूसरी ओर, सुरक्षाबलों ने एक एनकाउंटर में तीन आतंकी मार गिराए। इनमें से दो आतंकी राहुल भट्ट की हत्या में शामिल थे।
सरकार ने की राहुल की पत्नी को नौकरी देने की घोषणा
सरकार ने राहुल की पत्नी को सरकारी नौकरी देने और बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की। प्रशासन ने कश्मीर यूनिवर्सिटी के प्राेफेसर अल्ताफ हुसैन, एक टीचर माेहम्मद मकबूल हाजम और पुलिस काॅन्स्टेबल गुलाम रसूल काे बर्खास्त कर दिया है। प्राेफेसर पर जमात-ए- इस्लाम से संबंध होने के आरोप हैं। प्रशासन का दावा है कि प्रो. पंडित आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान जा चुके हैं।
राहुल की अंत्येष्टि के बाद भाजपा नेताओं का घेराव
गुरुवार को मारे गए कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट का पार्थिव शरीर तड़के जम्मू पहुंचा। उनके अंतिम संस्कार के बाद लोग आक्रोशित हो गए। इस बीच, जम्मू में भाजपा नेताओं को कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने घेर लिया। भाजपा इकाई के प्रमुख रविंदर रैना और पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता सहित भाजपा नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा। कश्मीरी पंडितों ने नारे लगाए, ‘हम कब तक बलि के बकरे बनते रहेंगे, राहुल के हत्यारों को फांसी दो।’
प्रदर्शन रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। प्रशासन में काम करने वाले पंडित कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी सुरक्षा व्यवस्था नहीं हुई तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।