टीबी बीमारी से होने वाली मौतें अब जल्द होंगी कम! नया ‘डिफ्रेंशिएटेड केयर’ मॉडल ला रहा क्रांति

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डिफ्रेंशिएटेड टीबी केयर (विभेदित टीबी देखभाल) की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की उपमहानिदेशक डॉ. उर्वशी बी. सिंह ने कहा कि गंभीर टीबी मरीजों की समय पर पहचान, उन्हें उपयुक्त ओपीडी व आईपीडी सेवाओं से जोड़ना और उपचार परिणामों में सुधार लाना प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल से टीबी से होने वाली मृत्यु दर में खासी कमी लाई जा सकती है।

डॉ. उर्वशी लखनऊ में डिफ्रेंशिएटेड टीबी केयर विषयक दो दिन प्रशिक्षण कार्यशाला में संबोधित कर रही थीं। इसमें उत्तर भारत के सात राज्यों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय उपमहानिदेशक ने बताया कि विभेदित टीबी देखभाल तथा ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (डीआर-टीबी) की नई गाइडलाइंस जारी हो चुकी हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे इन दिशा-निर्देशों को पूरी तरह आत्मसात करें और जिलास्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रशिक्षण में शामिल सभी राज्य क्षय रोग अधिकारी (एसटीओ) अपने-अपने राज्यों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) तक प्रशिक्षण को पहुंचाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण टीबी केयर उपलब्ध हो सके।

प्रशिक्षण कार्यशाला में टीबी चैंपियन की भूमिका को मजबूत करने, उन्हें पुनः सक्रिय करने और उनका इन्सेंटिव बढ़ाने को लेकर सेंट्रल टीबी डिवीजन के संयुक्त आयुक्त डॉ. संजय मट्टू ने कहा कि गतिविधि-आधारित मानदेय पर विचार किया जा सकता है। कार्यशाला में प्राइवेट सेक्टर में भी डिफ्रेंशिएटेड टीबी केयर को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया, ताकि मरीजों की शीघ्र पहचान और उपचार के दायरे का विस्तार हो सके।

उप्र. के राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की सक्रियता बढ़ाने तथा सीएचओ और फैमिली केयर गिवर्स के प्रशिक्षण की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विभेदित टीबी देखभाल के तहत मरीज की जोखिम प्रोफ़ाइल के आधार पर व्यक्तिगत देखभाल की व्यवस्था की गई है। इसमें गुणवत्तापूर्ण उपचार, पोषण सहायता और नियमित फॉलो-अप शामिल हैं। उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें विशेष देखभाल के लिए रेफर किया जाता है, जिससे मृत्यु दर को कम किया जा सके।

कार्यशाला में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्याकांत और हरियाणा के राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश राजू को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन डॉ. अशोक भारद्वाज और वाइस चेयरमैन डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भागीदारी की।