(www.arya-tv.com)आगरा में हाईकोर्ट की ओर से आयोजित ‘अवधारणा और मध्यस्थता की तकनीक’ प्रशिक्षण कार्यक्रम न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला ने न्यायाधीशों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। व्यक्ति को हर रोज कुछ न कुछ नया सीखना चाहिए। मुझे भी मौका मिलता है तो सीखने की कोशिश करता हूं।
कार्यक्रम में परिवार न्यायालय के न्यायाधीशों को सिखाया कि पति और पत्नी के बीच टूटते रिश्तों को मध्यस्थता के जरिए किस प्रकार बचाना है। हाईकोर्ट से आए मध्यस्थता परीक्षण विशेषज्ञ जयलक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि समझौता इस प्रकार कराएं कि दोनों पक्ष संतुष्ट हो जाएं। सबसे पहले हमें व्यक्ति को समस्या से अलग करना है। समस्या क्यों हुई है। यह जानना है। अगर हम समस्या को समझ जाएंगे तो समझौता बेहतर तरीके से करा देंगे। टिप्स दिए कि हमें बोलना कम है, सुनना ज्यादा है। हमें इमोशनल नहीं होना है। समस्या कहां है यह देखना है। समझौता कराने के लिए दो प्लान रखने चाहिए। अगर पहला प्लान काम न करे तो दूसरे प्लान से कामयाबी हासिल करें।
न्यायाधीशों को दिए टिप्स
विशेषज्ञ नीरज उपाध्याय ने कहा कि मध्यस्थता के समय अपनी वाणी मधुर रखें। पूरी प्रक्रिया के दौरान तटस्थ रहें। विशेषज्ञ अनूप कुमार श्रीवास्तव ने न्यायाधीशों को संचार के प्रकार बताए। मध्यस्थता कराते समय आपको दोनों पक्षों की बॉडी लैंग्वेज को नोटिस करें। उनके शब्दों पर भी ध्यान देना है। इमोशन की तरफ आकर्षित नहीं हों। आपको सूझबूझ से इस प्रकार मध्यस्थता करानी है कि दोनों पक्षों में सुलह हो जाए। विशेषज्ञ संदीप सक्सेना ने कहा कि कई बार ऐसे मामले आ जाते हैं कि पत्नी अड़ जाती है कि मैं आधा हिस्सा ही लूंगी, तब मानूंगी। न्यायाधीश को दोनों का इंटरेस्ट वॉच करना है। इसके लिए उन्होंने न्यायाधीशों को कई टिप्स दिए।
न्यामूर्ति ने बांटे सर्टिफिकेट
आखिर में न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला ने आगरा, अलीगढ़, औरैया, बदायूं, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हाथरस, कन्नौज, कासगंज, मैनपुरी और मथुरा से परिवार न्यायालय के जजों को सर्टिफिकेट दिए। जिला जज विवेक संगल, प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट विपिन कुमार, अपर जिला जज विनोद कुमार बरनवाल, रवि कांत रस्तोगी, रवि करण सिंह, नीरज गौतम, प्रमेंद्र कुमार, परवेज अख्तर, नीरज बख्शी, कनिष्क सिंह, दिव्यानंद, रणवीर सिंह प्रतिभा सक्सेना, पारुल पवार, प्रदीप कुमार मिश्रा, असीफा राणा, काशीनाथ सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मृत्युंजय श्रीवास्तव, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुमित चौधरी, अजय कुमार, जुडिशल मजिस्ट्रेट मयूरेश श्रीवास्तव, डॉ. अरुण कुमार दीक्षित, सेक्शन ऑफिसर अभिषेक श्रीवास्तव, रिव्यु ऑफिसर साक्षी मित्तल, जीपी सिंह आदि मौजूद रहे।
