(www.arya-tv.com)खानपान में मौजूद जिंक से सर्दी-खांसी को रोका जा सकता है और इसके लक्षणों में कमी लाई जा सकती है। नई रिसर्च कहती है, ऐसे मामलों में जिंक सप्लिमेंट्स लेने पर मात्र 2 दिन में रिकवरी की जा सकती है। यह दावा वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है।
बीमारी का समय भी घटाता है
शोधकर्ताओं का दावा है, जिंक संक्रमण की दर को कम करने के साथ बीमारी का समय भी घटाता है। हालांकि, इसकी कितनी मात्रा लेनी चाहिए, यह साफतौर पर नहीं बताया जा सका है।
वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसे दर्जनभर से अधिक अध्ययनों की पड़ताल की जिसमें जिंक और सांस नली में संक्रमण के बारे में बताया गया था। इसके अलावा उनकी अपनी रिसर्च में सामने आया कि जिंक सर्दी-खांसी के लक्षणों में भी कमी ला सकता है। यह बहती नाक, सिरदर्द और शरीर के बढ़े हुए तापमान को घटा सकता है।
जिंक क्या है, यह क्यों जरूरी है और रिसर्च में कौन-सी नई बातें सामने आईं, जानिए इन सवालों के जवाब…
कई तरह से काम करता है
जिंक एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर में कई तरह से काम करता है। यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने, पाचन को बेहतर करने और सूजन को रोकने में मदद करता है। मीट, शेलफिश और चीज में जिंक अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी NHS का कहना है, खानपान के जरिए पुरुष 9.5 mg और महिलाएं 7 mg जिंक ले सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है, अगर जिंक सप्लिमेंट ले रहे हैं तो इसकी बताई गई मात्रा से अधिक न लें। ऐसा करने पर शरीर में आयरन की कमी हो सकती है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने 5500 लोगों पर किए जा रहे जिंक के 28 ट्रायल्स की पड़ताल की। रिसर्च कहती है, सर्दी-खांसी से जूझने वाले मरीजों को जिंक ओरल या नाक में स्प्रे के जरिए दिया जा सकता है।
रिसर्च के दौरान जिन्हें जिंक दिया, 2 दिन में उनकी हालत में सुधार देखा गया। वहीं, जिन मरीजों को जिंक नहीं दिया गया उनमें सातवें दिन तक लक्षण बने रहे।
शोधकर्ताओं का कहना है, अगर सर्दी-खांसी बहुत ज्यादा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है तो जिंक रोजाना लक्षणों में कमी नहीं लाता, लेकिन तीसरे दिन से इसका असर दिखने लगता है।
नहीं दिखे साइड इफेक्ट
रिसर्च में दावा किया गया है, अध्ययन के दौरान किसी भी मरीज में जिंक के साइड इफेक्ट नहीं देखे गए। इसलिए यह कहा जा सकता है कि जो लोग सर्दी-खांसी के इलाज का असरदार विकल्प तलाश रहे हैं, उनके लिए जिंक बेहतर साबित हो सकता है।
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है, यह रिसर्च कम लोगों पर की गई है। इसे बड़े स्तर पर करने की जरूरत है।