श्रीनगर। “हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी” (एचआरडीएस) इंडिया, जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर और हाल में आई बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुए 1500 मकानों का निर्माण करेगी। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि एचआरडीएस इंडिया ने इस संबंध में जम्मू-कश्मीर के संभागीय आयुक्तों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पहल है और यह प्राकृतिक आपदाओं और दुश्मन द्वारा नागरिक आबादी पर अकारण गोलेबारी से प्रभावित लोगों के भविष्य को सशक्त बनाने और सुरक्षित करने के लिए किया गया है।
उपराज्यपाल ने राजभवन में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने एचआरडीएस इंडिया के इस नेक प्रयास की सराहना की। एचआरडीएस इंडिया पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 1500 आवास बनाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि इन तीन बेडरूम वाले घरों को ‘स्मार्ट हाउस’ के रूप में डिजाइन और निर्मित किया जाएगा, जिसमें आराम और सुरक्षा के लिए आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी
उपराज्यपाल ने कहा, “मकानों का निर्माण केवल ढांचा खड़ा करना नहीं है। यह सपनों को साकार करने, एक नई शुरुआत करने और प्रभावित परिवारों के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए किया जा रहा है। मानवीय क्षति इतनी गंभीर और विनाशकारी है कि उसे मापा नहीं जा सकता, लेकिन यह पहल निश्चित रूप से उनके दुख को कम करेगी।”
प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल के तहत एचआरडीएस इंडिया और दोनों संभागों के संभागीय आयुक्त आतंकवाद पीड़ित परिवारों की भी पहचान करेंगे, जिनके घर आतंकवादियों ने तबाह कर दिए थे। उन्होंने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों को 15 साल का जीवन बीमा कवरेज देने के अलावा, एचआरडीएस इंडिया हर घर में मासिक स्वास्थ्य जांच और डिजिटल कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगी।
एचआरडीएस इंडिया, बीएसएनएल की मदद से, शिक्षा, संचार और डिजिटल समावेश को बढ़ावा देने के लिए सभी लाभार्थी परिवारों को मुफ्त इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी। प्रशिक्षित एचआरडीएस इंडिया स्वयंसेवक, लाभार्थियों से संबंधित नई सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए हर महीने प्रत्येक लाभार्थी के घर जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि वे स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और निवारक देखभाल पर निःशुल्क जागरूकता सत्र आयोजित करेंगे। एचआरडीएस इंडिया प्रत्येक लाभार्थी के घर की हर पांच साल में रंगाई-पुताई भी कराएगी, जिसका खर्च लाभार्थियों को नहीं देना होगा।