कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों में आ रहे लक्षण

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www.arya-tv.com)  कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव में बदल जाने के बाद भी आपके पूरी तरह रिकवर होने की कोई गारंटी नहीं है। कई मरीजों को संक्रमण के बाद पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन से जूझना पड़ता है। ये वायरस के कारण होने वाली वो तकलीफें हैं, जो लंबे समय तक इंसान की जिंदगी में आफत बन सकती हैं। सावधानी नहीं बरती तो इससे जान को भी खतरा हो सकता है।

अगले 3 महीने तक सतर्क रहना चाहिए

डॉक्टर्स के अनुसार, मरीजों को कोरोना से ठीक होने के अगले 3 महीने तक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इस दौरान पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना बनी रहती है। जहां कुछ मरीजों को कॉमन परेशानियां हो सकती हैं, वहीं कुछ लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।

 इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ता है

TV9 की रिपोर्ट के अनुसार, सीनियर फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह कहते हैं कि जब कोरोना वायरस किसी इंसान के शरीर में प्रवेश करता है, तो उसका इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ता है। इस दौरान शरीर में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की खपत ज्यादा हो जाती है, जिसके चलते शरीर कमजोर हो जाता है। कोरोना से रिकवर होने के बाद भी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी के कारण ये कमजोरी बनी रह सकती है। इसलिए कई लोगों में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के लक्षण छह महीने तक भी दिखाई देते हैं।

 मैक्स अस्पताल में पल्मनोलॉजी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. शरद जोशी ने बताया कि वायरस से लड़ने के लिए शरीर में बने एंटीजन इम्यून सिस्टम में इस तरह के बदलाव करते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव हो जाता है। इसी वजह से कोरोना से ठीक होने के बाद भी उसके लक्षण, जैसे सिर चकराना, थकान, हल्का बुखार, जोड़ों में दर्द आदि बने रहते हैं।

पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन के सामान्य लक्षण

  • हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक: नसों में खून के थक्के जमने से आपको स्ट्रोक भी आ सकता है। ये थक्के दिमाग तक पहुंच गए तो ब्रेन स्ट्रोक और दिल तक पहुंच गए तो हार्ट स्ट्रोक आ सकता है।
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म: खून के थक्के जमने से फेफड़ों की नसें ब्लॉक हो सकती हैं। यह कंडीशन जानलेवा भी हो सकती है।
  • पल्मोनरी फाइब्रोसिस: इस कंडीशन में कोरोना के मरीज के फेफड़ों के टिशूज डैमेज हो जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। सही समय पर इलाज न होने से ये घातक साबित हो सकता है।
  • मल्टी ऑर्गन फेल्युर: ब्रेन और हार्ट समेत किडनी, लिवर जैसे ऑर्गन फेल हो सकते हैं।
  • मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम: इस स्थिति में मरीज के कई ऑर्गन एक साथ सूज जाते हैं। ये अधिकतर बच्चों में हो सकता है।
  • कोरोना रिकवरी के बाद इन बातों पर ध्यान दें
  • कोरोना से संक्रमित हो चुके मरीजों को खाने-पीने का ख्याल रखना चाहिए। डाइट में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होना चाहिए। माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाना खाएं।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  • सांस से जुड़े योगासन करने चाहिए। हल्की-फुलकी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
  • एंग्जाइटी और डिप्रेशन से बचने के लिए दिमाग को मनपसंद एक्टिविटी में लगाए रखें।
  • असामान्य लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।