बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को आपत्तिजनक शब्द कहे जाने का मामला गरमाया हुआ है. इस पूरे विवाद पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि बुद्धि में विकार आ गया है. गोमाता का दूध पीएं ताकि बुद्धि शुद्ध हो और माताओं का अपमान करना छोड़ें. कोई भी नेता हो किसी की मां के ऊपर किसी के बाप के ऊपर जाने का किसी को अधिकार नहीं है.
पीएम मोदी की मां को गाली देने पर बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य ने कहा कि आप व्यक्तिगत आमने-सामने की लड़ाई लड़िए. किसी के माता-पिता पर क्यों जाते हैं? सबकी मां उसके लिए पूजनीय है और किसी की भी मां हम सब के लिए भी पूजनीय है. जो भी मां है वो हमारे लिए आदरणीय और पूजनीय है. भगवान ने भी कहा है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होते हैं. ये भारत की संस्कृति है.
राजनीतिक लड़ाई व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिए, इसके लिए माता-पिता जैसे पवित्र रिश्तों को निशाना नहीं बनाना चाहिए. इस तरह की टिप्पणियां न केवल निंदनीय हैं बल्कि समाज में नकारात्मकता भी फैलाती है. हमें सभी माताओं का सम्मान करना चाहिए.
दरअसल ये पूरा विवाद बिहार में इंडिया गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा में शुरू हुआ, जब कांग्रेस-आरजेडी के मंच पर से पीएम मोदी की मां के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि उस वक्त नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और तेजस्वी यादव उस मंच पर मौजूद नहीं थे.
पीएम मोदी ने दी तीखी प्रतिक्रिया
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पूरे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे पूरे देश की मां-बेटियों के अपमान से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, उनका शरीर भी अब इस दुनिया में नहीं है. उन्हें मंच से गालियां दी गईं ये बहुत ही दुख, कष्ट और पीड़ा देने वाला है. पीएम मोदी के इस बयान के बाद अब ये विवाद और बढ़ता दिख रहा है.