(www.arya-tv.com)आज साल का पहला सूर्यग्रहण है। अमेरिका में सूर्योदय ही ग्रहण के साथ हुआ। नासा ने इसकी तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीर में सुबह का उगता सूर्य चांद की तरह दिख रहा है। अमेरिका के साथ सूर्य ग्रहण यूरोप में भी देखा गया। भारत में ग्रहण सूर्यास्त के पहले लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में देखा गया।
वेबसाइट टाइम एंड डेट के मुताबिक, यह भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू हुआ। ग्रहण 6 बजकर 41 मिनट तक रहा। यानी भारत में सूर्यग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे की रही। इस दिन 148 साल बाद शनि जयंती का भी संयोग बना। इससे पहले शनि जयंती पर सूर्यग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था।
भारत में जहां सूर्यग्रहण दिखेगा वहीं सूतक लगेगा
सूर्यग्रहण का सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले शरू हो जाता है। शास्त्रों के मुताबिक जहां ग्रहण दिखता है, वहीं सूतक माना जाता है। सूतक के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। इस दौरान खाना बनाना और खाना भी अच्छा नहीं माना जाता। यहां तक कि सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन आज के सूर्यग्रहण का सूतक लद्दाख और अरुणाचल को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में मान्य नहीं होगा, क्योंकि बाकी जगहों पर ग्रहण दिखेगा ही नहीं।
सूर्य ग्रहण होता क्या है?
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है तो इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। इस दौरान सूर्य से आने वाली रोशनी चांद के बीच में आ जाने की वजह से धरती तक नहीं पहुंच पाती है और चांद की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। दरअसल सूर्य के आसपास पृथ्वी घूमती रहती है और पृथ्वी के आसपास चंद्रमा। इसी वजह से तीनों कभी न कभी एक दूसरे के सीध में आ जाते हैं। इन्ही वजहों से सूर्य और चंद्र ग्रहण होता है।
एशिया में आंशिक रूप से नजर आएगा
उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में ये सूर्यग्रहण आंशिक रूप से नजर आएगा। वहीं उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। जब सूर्यग्रहण पीक पर होगा तब ग्रीनलैंड के लोगों को रिंग ऑफ फायर भी नजर आ सकती है।
रिंग ऑफ फायर क्या होती है?
चांद पृथ्वी के आसपास एक अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता है। इस वजह से पृथ्वी से चांद की दूरी हमेशा घटती-बढ़ती रहती है। जब चांद पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होता है, उसे एपोजी (Apogee) कहते हैं और जब सबसे नजदीक होता है तो उसे पेरिजी (Perigee) कहते हैं।