दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों और मृतकों के साथ बदसलूकी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि कोरोना पीड़ितों को दयनीय हालत पर छोड़ दिया गया है। लाबी, वेटिंग हॉल और वार्डों में शव पड़े हैं। यहां तक कि कचरे में भी शव पड़े हैं।
इंसानों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। जस्टिस अशोक भूषण,जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आशा ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पतालों की हालत बेहद खराब है और वह दयनीय है। कोर्ट ने दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात के साथ ही केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी करते हुए कहा है कि इन राज्यों में स्थिति गंभीर है।
कोर्ट ने एलएनजेपी अस्पताल का जिक्र करते हुए कहा कि यहां मरीज चिल्ला रहे हैं। यह दिल्ली के सरकारी अस्पताल की स्थिति है जिसकी क्षमता 2000 बेड की है 11 जून तक इस अस्पताल में सिर्फ 879 बेड मरीजों को दिए गए। सरकारी अस्पतालों में 5814 बेड हैं जिनमें 2620 ही भरे हैं कोर्ट ने एलएनजेपी के निदेशक से 17 जून तक जवाब मांगा है।
