जिले में मनरेगा के कार्य और उससे मिलने वाले रोजगार में अचानक काफी गिरावट आई है। धान की कटाई में लगे ज्यादातर श्रमिकों ने इस माह मनरेगा में काम नहीं मांगा है। इस वजह से ग्राम पंचायतों पर कच्चे-पक्के कार्यों के मस्टर रोल तक नहीं बने हैं।484 ग्राम पंचायतों में मात्र 157 में कार्य चल रहे हैं। इनमें 1572 श्रमिक कार्य में लगे हैं। 327 ग्राम पंचायतों में काम ठप हैं। यहां के श्रमिक धान की कटाई में लगे हैं। क्योंकि मनरेगा से ज्यादा मजदूरी धान की कटाई में वो भी नकद मिल रही है। इस वजह से श्रमिकों ने मनरेगा में काम नहीं मांगा है।
कई श्रमिक शहरों में निजी कार्य में लगे हैं। इसका विकास कार्यों पर असर पड़ा है और 50 फीसदी गिरावट आई है। जिले में इस वर्ष 6.15 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। इसमें 3.11 लाख मानव दिवस सृजित हो पाए हैं, जो कि लक्ष्य का 50 फीसदी है, जबकि पिछले वर्ष अब तक 6.31 लाख मानव दिवस सृजित कर लिए गए थे।
