छठ पूजा के लिए गोमती के घाटों की सफाई का काम चल रहा है। कुड़िया घाट की सफाई के लिए भी जेसीबी लगाई गई है, लेकिन ये जेसीबी नदी के किनारों से सिल्ट निकालकर उसे गोमती के बीचोबीच डाले दे रही है जैसे कि वह नदी के समतलीकरण का काम कर रही हो। इसी तरह से कैटल कालोनी से मरी हुई भैंस को गोमती में प्रवाहित कर दिया गया है। भैंस पानी में उतरा रही है और आसपास के इलाकों में दुर्गन्ध फ़ैल रही है, जबकि दो दिन बाद छठ पूजा है।
शुभ संस्कार समिति के महामंत्री रिद्धि किशोर गौड़ ने कहा कि गोमती नदी के घाट पर कई स्थान ऐसे हैं जहां पर पानी रुक जाता है, गोमती के बीच में डाली जा रही सिल्ट अगर उन स्थानों पर डाली जाती तो गोमती का बहाव ठीक हो जाता। इससे गोमती की गंदगी भी कम हो जाती। ऐसा करने से वह स्थान बंद हो जाएंगे जहां पानी रुक कर सड़ता है।
उन्होंने बताया कि यह संज्ञान में आया है कि यह काम सिंचाई विभाग और नमामि गंगे द्वारा किया जा रहा है। रिद्धि किशोर गौड़ ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर लिखित रूप में दर्ज की है।
दो दिन बाद छठ पूजा है और कैटल कॉलोनी से मरी हुई भैंस को गोमती नदी में प्रवाहित कर दिया गया है। भैंस पानी में उतरा रही है और आसपास भयंकर दुर्गन्ध फैली है। छठ पूजन करने के लिए महिलाएं पानी में खड़ी होंगी, अगर तब तक भैंस न हटाई गई तो बीमारियां फैलने का भी खतरा हो सकता है।
