भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को एक ऐसी मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया, जिसे ड्रोन में लगाकर दुश्मन के ठिकानों पर लॉन्च किया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और बताया कि यह भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि है.
आंध्र प्रदेश के कुरनूल में नेशनल ओपन रेंज (NOAR) में मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है. राजनाथ सिंह ने पोस्ट में लिखा, ‘भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ी मजबूती देते हुए, डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में मानवरहित यान से दागे जाने वाली सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल (ULPGM)-V3 का सफल परीक्षण किया.’
ULPGM-V3 एक एक्सटेंडेड-रेंज वेरिएंट है, जिसे ULM-ER भी कहा जाता है. बेंगलुरु में 10-14 फरवरी को हुए एयरो इंडिया 2025 में भी इसको प्रदर्शित किया गया था. अडानी और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) ने ULPGM V3 का निर्माण किया है जबकि डीआरडीओ के पास इसको विकसित करने और परीक्षण की जिम्मेदारी है. ULPGM के तीन वेरिएंट हैं, ULPGM V1, ULPGM V2 और ULPGM V3. इन तीनों में मुख्यरूप से इनकी परफॉर्मेंस और रेंज का अंतर है.
आइए जानते हैं इसकी खासियतों के बारे में-
- डीआरडीओ की वेबसाइट पर जेन्स न्यूज के हवाले से बताया गया कि यह एक एयर-टू-सरफेस यानी हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे रात और दिन दोनों ही ऑपरेशंस में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें लगा इमेजिन इंफ्रारेड सीकर इसे दिन और रात के ऑपरेशन के लिए सक्षम बनाता है और इसमें निष्क्रिय होमिंग की सुविधा भी है.
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इस फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल का वजन 12.5 किलोग्राम है, जिसे एक छोटी डुअलथ्रस्ट प्रोपल्शन यूनिट संचालित करती है. दिन में इसकी रेंज 4 किलोमीटर तक है और रात के समय में यह 2.5 किलोमीटर की रेंज में मार करने में सफल है.
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इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि विभिन्न वॉरहेड्स और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जा सके और इस सबके साथ ये मूविंग टारगेट्स यानी गतिशील लक्ष्यों पर भी हमला करने में सक्षम है.