अब आतंकी हमलों से निपटने में दक्ष बनेंगे विद्यार्थी, भारतीय शिक्षा बोर्ड की ओर से कॉलेजों में लागू होगा नवीन पाठ्यक्रम

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देश में होने वाले आतंकी हमलों से अब सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां ही नहीं विद्यार्थी भी तैयार किए जायेगें। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नवगठित भारतीय शिक्षा बोर्ड ने सेना के साथ मिलकर ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया है जो माध्यमिक विद्यालयों के छात्र – छात्राओं को इसके लिए पूरी तरह से दक्ष बनायेगा। आतंकी हमलों के दौरान कैसे क्या किया जाए, कैसे ऐसे देश विरोधी तत्वों की शिनाख्त की जाए और अप्रिय परिस्थितियों में नागरिकों को कैसे सुरक्षित रखा जाए सब कुछ पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है।

इसे आत्मरक्षा विज्ञान का नाम दिया गया है। जो बहुत जल्द हाईस्कूल स्तर पर शुरू होने जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग को भारतीय शिक्षा बोर्ड से कॉलेजों को मान्यता के लिए प्रेरित करने और पाठ्यक्रमों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए जनपद में विभाग में भारतीय शिक्षा बोर्ड सेल की स्थापना की जाएगी और वहां सेना से सेवानिवृत्त अधिकारी स्तर के लोगों को बतौर सलाहकार रखा जाएगा। यह नवीन पहल भारतीय शिक्षा बोर्ड की ओर से की गई है। सेना के साथ मिलकर यह पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। आतंकी हमला होने की दशा में छात्र खुद व नागरिकों की रक्षा कर सकेंगे। देश अभी तक इस बोर्ड से 800 स्कूल मान्यता ले चुके हैं। वहीं यूपी में 100 से ज्यादा विद्यालयों ने मान्यता ली है। जनपद स्तर पर इसकी प्रक्रिया एक जनवरी से शुरू होने जा रही है। भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एनपी सिंह के माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिए गए निर्देश के मुताबिक आत्मरक्षा विज्ञान की पढ़ाई छोटी कक्षाओं से ही कराने से विद्यार्थियों को खुद व समाज की रक्षा करने की सीख दी जाएगी।

बताया गया है कि विंग कमांडर पुष्कल विजय द्विवेदी ने सेना के साथ मिल कर इसे तैयार किया गया है। देश में आतंकी हमला होने पर किस तरह खुद की और दूसरों की रक्षा करें इसके बारे में उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। शास्त्र के साथ शस्त्र का ज्ञान तो देंगे, लेकिन भारतीय परंपरा के अनुसार ऐसे शौर्यवान युवा जो करुणा व नीति पर चलें इसके लिए उन्हें तैयार किया जाएगा। यही नहीं बाल वाटिका से ही योग, प्रणायाम व आसान इत्यादि अनिवार्य रूप से सिखाया जाएगा। जिससे विद्यार्थी मानसिक तनाव से दूर रहें।

प्राचीन ज्ञान विज्ञान के साथ देंगे आधुनिक शिक्षा

नवीन बोर्ड का मकसद भारत प्रथम की भावना को छात्रों में जगाना है। अभी तक कक्षा 10 तक का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। जल्द कक्षा 11 व कक्षा 12 का पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के अनुसार इस काम के लिए दो हजार प्रोफेसर, चार हजार टीजीटी-पीजीटी पास शिक्षक लगाए गए हैं। यही नहीं इसमें आईआईटी व वैज्ञानिक संस्थानों से भी शिक्षक और वैज्ञानिक शामिल हैं। बताया गया है कि भारतीय ज्ञान परंपरा काफी समृद्ध है, मगर उपनिवेशवाद व मैकाले की साजिश का शिकार होकर इसका नुकसान हुआ है। अब पुनः ज्ञान-विज्ञान के साथ साथ छात्रों को एआई, आईटी, बॉयोटेक व न्यूक्लियर साइंस जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे।