स्टीफन हॉकिंग – मैन ऑफ साइंस
(Arya tv)(अतका ऐरम) एक ऐसा सितारा जिसने खुद को बुझा दुनिया को चमकाया उम्र ७६ कारनामे ७८ ये कहावत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग पे बखूबी जचती है । एक दुर्लभ बीमारी जिसमे हम जीवन जीने की कलपना भी नहीं कर सकते उन्होने आधी ज़िन्दगी गुज़ार दी । उनके द्वारा किये गए कुछ ऐसे आविष्कार जिसने दुनिया के सामने रखी उसकी ही सच्चाई । ब्लैक होल थ्योरी से लेकर बिग बैंग थ्योरी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, जलवायु परिवर्तन पर चेतावनी और न जाने कई ऐसे रहस्य खोले है उन्होंने जिनसे दुनिया अब तक अनजान बैठी थी ।
सर हॉकिंग ने अपने सफर को लेकर एक किताब “A BRIEF HISTORY OF TIME” लिखी, जिसने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी। उन्होंने दुनिया को आपेक्षित का सिद्धांत और पुंज का सिद्धात मिलाकर एक महाएकीकृत सिद्धांत दिया।
तेज़ तूफ़ान में जलते हुए दीपक जैसे सर हॉकिंग को उनकी मौत की वजह तो जवानी के दिनों में ही पता चल चुकी थी । साल 1964 से ही उन्हे मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी हो गई थी जिसमे शरीर का हिस्सा धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है और बहुत दर्दनाक तरह से रोगी की मौत हो जाती है। जब इस बीमारी का सर हॉकिंग को पता चला और साथ ही यह मालूम हुआ के वे केवल 2 वर्षों तक ही जीवीत रह सकते हैं, तो उन्हें विश्वास न हुआ और 50 सालों तक जीवीत रहने का दावा डॉक्टर को कर दिया। इस बात से डॉक्टर अचरज में पड़ गया और आखीर कार उनका किया दावा सच साबित हो गया ।
व्हीलचेयर पे आधी ज़िन्दगी गुज़ार, शारीरिक रूप से अपंग लेकिन मानसिक रूप से दुनिया में सबसे बलवान सर हॉकिंग को 12 मानद डिग्रियों के साथ अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया था । उनकी सिंथेटिक आवाज और खास अंदाज ने उन्हें टी.वी की दुनिया में सेलेब्रिटी बना दिया क्यूंकि वे बेहद ही जिंदादिल और विनोद प्रिय इंसान थे । 1974 में उन्हें ‘हॉकिंग रेडिएशन‘ कहा गया क्योंकि उन्होंने ब्लैक होल्स की किरणें या रेडिएशन के बारे में दुनिया को अवगत कराया परन्तु उनको सबसे ज्यादा प्रसिद्धि जिस वजह से मिली वो थी उनकी ‘थ्योरी ऑफ एव्रीथिंग‘ जिस की उपलब्धि में उनके जीवन पर आधारित एक हॉलीवुड फिल्म 2014 में रिलीज की गई , जिसका नाम ‘द थ्योरी ऑफ एव्रीथिंग‘ रखा गया था।
हॉकिंग की थ्योरी खोज
1. टाइम की खोज
2. ब्रह्मांड की शुरूआत गुरुत्वाकर्षण से हुई
3. भगवान अस्तित्व में नहीं ( यहां भगवान नहीं)
चौंका देने वाली भविष्यवाणीयां
1. ‘आग का गोला’ बन जाएगी पृथ्वी
2. धरती पर रोबोट का कब्जा होगा
3. मानव आक्रामकता और परमाणु तकनीक की वजह से होगा अंत
4. 100 सालों में दूसरे ग्रह पर बसाना होगा ‘जीवन’
5. ‘शुक्र’ ग्रह की तरह बन जाएगी धरती
नाकाम शादियाँ , नकारात्मकता में सकारात्मकता का ख्याल , दुर्लभ बीमारी , बेख़ौफ़ ,बेबाक , मौत को हरा इश्वर को भुला दुनिया को जीवन का महत्व ओर जीना सिखा , अंतरिक्ष में ब्लैक होल की गूथ्थी को सुलझाने का काम करते –करते दुनिया के महान दिग्गज वैज्ञानिक ने अपने केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के पास घर पर अंतिम सांसें ले दुनिया को अलविदा कह दिया ।
(यह लेख आर्यकुल पत्रकारिता कालेज की बेजीएमसी की छात्रा द्वारा लिखा गया है)
