(www.arya-tv.com) कानपुर। नमामि गंगे के अभियान में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी आज कानपुर में गंगा नदी को अविरल और निर्मल करने के प्रयासों को अपनी कसौटी पर परखेंगे। नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में पीएम मोदी कानपुर शहर में ‘नमामी गंगे’ की परियोजनाओं का हाल और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर उतरे। जहां पर सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों तथा केंद्रीय मंत्रियों ने स्वागत किया। प्रधानमंत्री के साथ समीक्षा बैठक में गंगा नदी से आच्छादित पांच राज्यों में से दो के मुख्यमंत्री तथा एक के उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वह राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में गंगा स्वच्छता से जुड़े कामों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद वह नए एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे।

यहां से प्रधानमंत्री अटल घाट जाएंगे, जहां से वो विशेष नौका में बैठकर गंगा में गिर रहे नालों का हाल देखेंगे। ‘नमामी गंगे’ परियोजना की समीक्षा करने और पवित्र नदी पर योजना के प्रभाव देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कानपुर में गंगा नदी में नौकायन करेंगे।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में होने वाली समीक्षा बैठक को लेकर अधिकारी काफी दिन से तैयारी में लगे हैं। पीएम मोदी सुबह 11 बजे सीएसए कानपुर पहुंचेंगे। दस मिनट तक नमामि गंगे परियोजना संबंधी कार्यों की प्रदर्शनी देखेंगे।
इसके उनकी अध्यक्षता में बैठक शुरू होगी। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, नौ केंद्रीय कैबिनेट व राज्यमंत्री शामिल होंगे। इसके साथ ही झारखंड और पश्चिम बंगाल सरकार से बैठक में प्रतिभाग करने संबंधी कोई सूचना नहीं आई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी विशिष्ट जनों का स्वागत करेंगे। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बैठक की भूमिका रखेंगे। फिर नमामि गंगा संबंधी बिंदुओं और एजेंडे पर बैठक शुरू होगी।
उनके साथ समीक्षा बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ग्राम्य विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्र्धन, पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री राजकुमार सिंह, आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी तथा जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडवीया रहेंगे।
इनके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी रहेंगे। कानपुर के अपने दौरे में प्रधानमंत्री ‘नमामी गंगे’ परियोजना को लेकर कुछ घोषणाएं भी कर सकते हैं।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कानपुर में गंगा नदी में सभी 16 नालों से बहने वाले 300 एमएलडी को गुरुवार रात से स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं नदियों में प्रदूषक तत्वों को डालने वाले सीवर और नालियों के बंद होने से नदी के जल में उल्लेखनीय परिवतर्न नजर आएगा।
पीएम मोदी सीसामऊ नाला का हाल भी देखेंगे। कानपुर में गंगा नदी की स्थिति को बद से बदतर करने वाला सीसामऊ नाला अब टैप हो चुका है। यह नाला रोजाना 145 एमएलडी जहर गंगा में उड़ेलता था लेकिन उसकी धारा अब बंद हो चुकी है। लंबे संघर्ष के बाद अधिकारियों ने इस नाले को बंद करने मे सफलता पायी है। नमामी गंगे योजना के तहत इस नाले को बंद किया गया है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नाले पर खड़े होकर सेल्फी ली थी। 2017 में इसको बंद करने का कार्य शुरू किया गया था, और दो वर्ष बाद अब इस नाला को बंद करने में सफलता मिली है। यह कार्य 63.80 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया गया है।
चंद वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में असंभव को संभव बनाने वाली अपनी छवि गढ़ी है। इसमें अनुच्छेद 370 के खात्मे से नागरिक संशोधन विधेयक, एनआरसी इसके बड़े उदाहरण है। कानपुर में गंगा नदी की स्वच्छता की मुहिम भी एक ऐसा ही लक्ष्य था।
इसे नमामि गंगे ने काफी हद तक सफल बना दिया है। कानपुर में गंगा किनारे ये आयोजन संदेश देगा कि भारतीय संस्कृति को जड़ों को सींचने में प्रधानमंत्री निष्काम भाव से जुटे हैं। इसका राजनीतिक असर गोमुख से गंगासागर ही नहीं वरन् गंगा में आस्था रखने वाले हर भारतवंशी तक पहुंचेगा।