विद्यार्थियों के लिए सेल्फ स्टडी पर सशक्त सिंह का विशेष साक्षात्कार
उ.प्र.प्राइवेट कालेजेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सशक्त सिंह ने आर्य टीवी के विशेष संवाददाता हर्ष नारायण से सेल्फ स्टडी के बारे में विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की । पेश है इस साक्षात्कार के महत्वपूर्ण अंश…………………………………………
1. हर्ष नारायण…………
जब हम शिक्षा जगत की बात करते हैं तो विद्यार्थी और शिक्षक एक सिक्के के दो पहलू हैं, आप इस क्षेत्र में दो दशकों से कार्य कर रहे हैं इतने दिनों में आप विद्यार्थियों के लिए सेल्फ स्टडी को किस रूप में देखते हैं ?
1. सशक्त सिंह………
आज के दौर में शिक्षा का माहौल बदल गया है पहले विद्यार्थी पूरी तरह से शिक्षक और किताबों पर ही निर्भर रहते थे अब इंटरनेट हमारे जीवन में एक अच्छे शिक्षक के रूप में आ गया है इस पर सभी विषयों के लिए कंटेट की भरमार है जो भी चाहे आसानी से अपने विषय को इस पर खोज सकता है और जानकारी ले सकता है। शिक्षक एक अच्छे गाइड के रूप में अपने बच्चों को विषय की जानकारी देते हैं। पर फिर भी अगर किसी को लगे कि कुछ रह गया है तो इसके लिए वह सेल्फ स्टडी के तौर पर किताबों व इंटरनेट की सहायता से अन्य जानकारियां भी ले सकता है वह पढ़ने और सीखने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। एक सबसे महत्वपूर्ण बात कि जब हमारे विद्यार्थी स्वयं किसी विषय को पढ़ते हैं तो उनकी सोच विकसित होती है जो कि बहुत ही अच्छी बात है।
2. हर्ष नारायण…………..
विद्यार्थियों के लिए यह क्यों जरूरी है ?
2. सशक्त सिंह……….
सेल्फ स्टडी हमारे विद्यार्थियों के वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्यांेकि विद्यार्थी जीवन में अपने विषय के ज्ञान के अलावा भी देश में क्या हो रहा है उसका भी पता चलता है, जिसको हम समान्य ज्ञान के नाम से जानते हैं। इससे जब वह एक पद पर पहुंच जाते हैं तो देश के लिए कुछ करने का जुनून भी मन में होता है जो देश के निर्माण में सहायक होता है। सेल्फ स्टडी से विद्यार्थी अपने विषय के सभी पहलुओं को जान सकता है और बाद में प्रश्नों को अपने शिक्षक से पूछ कर अपनी जिज्ञासा को समाप्त कर सकता है।
3. हर्ष नारायण…………..
विद्यार्थी सेल्फ स्टडी के लिए क्या करें ?
3. सशक्त सिंह…………
मेरी समझ से सेल्फ स्टडी के लिए सबसे जरूरी उनका टाइम मैनेजमेंट है क्योंकि विद्यार्थी जीवन में टाइम का सबसे अधिक महत्व है उनको पढ़ने लिए स्कूल भी जाना ह,ै आराम भी करना है, स्कूल का काम भी करना है इन सबसे साथ बिना टाइम मैनेजमेंट के सभी को एक साथ कर पाना असम्भव है। इसलिए वह अपने दैनिक कार्यशैली के हिसाब से अपना टाइम टेबल बना है उसी के अनुसार ही कुछ समय सेल्फ स्टडी के जरूर दें जिससे वह प्रतिस्पर्धा के दौर में आगे निकल सकें।
4. हर्ष नारायण………….
एक विशेष प्रश्न जिन विद्यार्थियों पास कम्प्यूटर, मोबाइल आदि की सुविधा न हो वह सेल्फ स्टडी के लिए क्या करें ?
4.सशक्त सिंह…………..
इस स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आज कल प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय की सुविधा है जिससे विभिन्न विषयों की पुस्तके मिल जाती है पर अगर विद्यालय के पुस्तकालय में उस विषय की पुस्तक नहीं है तो विद्यार्थी सार्वजनिक पुस्तकालय का इस्तेमाल कर सकतें है यह पुस्तकालय विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है क्योंकि ऐसे पुस्कालयों में अलग-अलग प्रकार की पुस्तकों का समावेश होता है अतः जिनके पास कम्प्यूटर, मोबाइल नहीं है वह पुस्कालयों के माध्यम से सेल्फ स्टडी कर सकते हैं।
5. हर्ष नारायण………….
सेल्फ स्टडी के लिए आप की ओर से शिक्षकों के लिए क्या संदेश है ?
5. सशक्त सिंह………….
अच्छा प्रश्न है अगर बात शिक्षकों की है तो एक जागरूक शिक्षक आज के बदलते दौर में जहां जानकारियां एक सेकेंड में ही एक छोर से दूसरे छोर को चली जाती है वैसी स्थिति में एक अच्छा शिक्षक स्वयं भी विषयों की जानकारियां स्वयं पढ़ कर अपने विद्यार्थियों को बताते हैं और उनको सेल्फ स्टडी के लिए प्रेरित करते हैं।
6. हर्ष नारायण…………
आप शिक्षा क्षेत्र में कई वर्षों से हैं प्रदेश में भाजपा सरकार का शिक्षा के प्रति क्या रूख हैं सबको बताएं ?
6. सशक्त सिंह………….
मैं वर्तमान में उ.प्र.प्राइवेट कालेजेज एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते आप को बताना चाहूंगा कि भाजपा सरकार शिक्षा को लेकर बहुत ही गंभीर है सरकार द्वारा इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं जिसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी का आभारी हूॅ और संगठन की ओर से आभार प्रकट करता हूँ। शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार अच्छा कार्य रही है यही स्थिति केन्द्र सरकार की भी है। जिसके मुखियां माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी है शिक्षा को लेकर केन्द्र और प्रदेश सरकार के निर्णय और कार्य बहुत ही सराहनीय हैं।
7. हर्ष नारायण………..
अन्त में सभी विद्यार्थियों के लिए क्या संदेश है ?
7. सशक्त सिंह………..
सभी विद्यार्थियों के लिए मेरा वहीं संदेश है जो मेरे पिता श्री के.जी.सिंह मुझे हमेशा से समझाते रहे हैं
यदि आप विद्यार्थी है तो आप में बताये गये 5 गुणों का होना बहुत आवश्यक है
काक चेष्टा,बको ध्यानम,श्वान निद्रा तथैव चः
श्वल्पाहारी गृह त्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम:
अर्थात एक विद्यार्थी को कौवे की तरह जानने की चेष्टा करते रहना चाहिए, बगुले की तरह मन लगाना (ध्यान करना) चाहिए, कुत्ते की तरह सोना चाहिए यानी थोड़े से हलचल होने पर ही सचेत हो जाना चाहिए, कम से कम और आवश्यकतानुसार खाना चाहिए और गृह-त्यागी होना चाहिए।