लखनऊ व्यापार मंडलः 35 वर्ष पुरानी दुकानों को नोटिस भेजने पर भड़के व्यापारी, कहा- होगा व्यापक आंदोलन

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लखनऊ व्यापार मंडल की कार्यकारी समिति की बैठक शुक्रवार को व्यापार भवन गौतम बुद्ध मार्ग पर हुई। इसमें 35 वर्ष पूर्व बनी दुकानों को एलडीए की ओर से व्यापारियों को नोटिस भेजे जाने पर नाराजगी जताई गई। राजधानी की इकाई ने एलडीए की कार्रवाई को व्यापारियों का उत्पीड़न करार दिया। व्यापारियों ने कहा कि एलडीए व नगर निगम की ओर से व्यापारियों का उत्पीड़न न रोका गया तो व्यापार मंडल व्यापक आंदोलन करेगा।

संगठन प्रमुख अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि बुद्धेश्वर परिक्षेत्र के प्रभारी राम शंकर राजपूत को साढ़े तीन दशक पहले से बनीं दुकानों को एलडीए ने नोटिस जारी किया है। एलडीए के इस नोटस पर व्यापारियों ने घोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह तो व्यापारियों का सीधा उत्पीड़न है। उन्होंने बताया कि चारबाग, गुरुनानक मार्केट, अमीनाबाद, मोहन मार्केट के व्यापारियों की दुकानें लगभग 70 वर्ष पुरानी हैं। इसलिए नगर निगम को दुकानदारों को मालियत (स्वामित्व अधिकार) दे देनी चाहिए, लेकिन इस पर टाल-मटोल किया जा रहा है। नगर निगम हो या एलडीए कर्मचारी और अधिकारी, व्यापारियों का उत्पीड़न कतई न करें। सरकार स्वदेशी अपनाने की बात करती है, लेकिन 70 वर्ष पुरानी स्वदेशी दुकानों को स्वदेशी मान्यता क्यों नहीं दी जा रही। जब हमारी दुकानें ही स्वदेशी होंगी, तभी उनमें बिकने वाला सामान भी स्वदेशी होगा।

वरिष्ठ व्यापारी नेता चेयरमैन राजेंद्र अग्रवाल ने कहा की अब इन मसलों का हल होना चाहिए। कई बार इस तरह के मसले उठाए जा चुके हैं। संचालन कर रहे वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने इसे व्यापारी के सीधे उत्पीड़न से जोड़ा और कहा अगर समस्या का हल न निकला तो निर्णायक आंदोलन होगा। बैठक में बड़ी संख्या शहर के सभी प्रमुख मार्केट के व्यापारियों ने हिस्सा लिया। इसमें राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, अमरनाथ मिश्रा, पवन मनोचा, देवेन्द्र गुप्ता, अनुराग मिश्रा, अभिषेक खरे, भारत भूषण गुप्ता, शशी शुक्ला, सुशील तिवारी, सुमित गुप्ता, प्रियंक गुप्ता, महिला व्यापार मंडल प्रकोष्ठ की अध्यक्ष निहारिका सिंह, इमरान कुरैशी, अरुण अवस्थी, अचल मल्होत्रा, जीएस सेठी, राजेश वर्मा, नीलेश टाटा, मो. शफीक, विशाल अग्रवाल, शेर सिंह, रविन्द्र यादव, विजय निर्वाण, पिंटू गुप्ता, राजू शुक्ला, सिद्धार्थ गुप्ता, अजय सक्सेना आदि व्यापारी मौजूद रहे।