लखनऊ विश्वविद्यालय ने मुख्यमंत्री को भेजे गए एक पत्र के संदर्भ में तीन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े अरबी-फारसी विभाग के डॉ. अरशद अली जाफरी, भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ. चांदकी राम गौतम और जंतु विज्ञान विभाग की प्रो. मोनिशा बनर्जी शामिल हैं। इन शिक्षकों द्वारा कथित रूप से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा, वित्तीय प्रक्रिया और शोधार्थियों को दिए जाने वाले पुरस्कारों से संबंधित शिकायतें मुख्यमंत्री को भेजी गई थीं।
विश्वविद्यालय ने दिया तर्क
बूस्ट अवार्ड वितरण कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. मोनिशा बनर्जी के डीन रिसर्च रहते हुए हुई थी। इसके अलावा वित्त अधिकारी कार्यालय से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी और अन्य अधिकारियों को किसी मानदेय भुगतान का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीर और भ्रामक सूचना माना है।
छवि खराब करने का प्रयास
नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित न होने के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की छवि खराब करने वाले प्रतीत होते हैं। इससे विश्वविद्यालय की सार्वजनिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा है। कुलपति कार्यालय के निर्देश पर शिक्षकों से तीन दिन में विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है। निर्धारित समय में संतोषजनक उत्तर न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ शिक्षकों और विश्वविद्यालय के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। विभिन्न वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं की जानकारी हमें विश्वसनीय माध्यमों से प्राप्त हुई थी। विश्वविद्यालय हित में शिक्षकों की मांग पर शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से विशेष जांच का अनुरोध किया था। जांच की मांग पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, बल्कि स्वागत होना चाहिए। हम किसी दबाव में नहीं आएंगे और जांच की मांग पर कायम हैं। जरूरत पड़ी तो विश्वविद्यालय के मान, सम्मान और गरिमा की रक्षा के लिए आंदोलन करेंगे।
