वाराणसी। इस बार शारदीय नवरात्र 9 दिनों के बजाय दस दिनों का होगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ समाप्त होगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से इस वृद्धि को अत्यंत शुभ माना जा रहा है। बीएचयू ज्योतिष विभाग के प्रो. सुभाष पांडेय ने बताया कि इस बार मां का आगमन गज (हाथी) पर होगा और प्रस्थान नर (मनुष्य) पर होगा। दोनों ही दृष्टिकोण से यह संयोग अत्यंत शुभ है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इससे देश में सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। इस बार किसी भी तिथि का क्षय नहीं है, बल्कि चतुर्थी तिथि की वृद्धि हुई है, जिसके कारण नवरात्र नौ के बजाय दस दिनों का होगा। अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को कलश स्थापना की जाएगी।
महाष्टमी 30 सितंबर को और महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। उसी दिन कन्या पूजन भी होगा। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु विजयादशमी के दिन, यानी 2 अक्टूबर को व्रत का पारण करेंगे। प्रो. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर को रहेगी।