गोंडा।(www.arya-tv.com) कौन देगा हमें इंसाफ बताओ तो सही हाथ जब खून में मुंसिफ के रखे हैं यारों यह दर्द है रानी पुरवा ग्राम पंचायत जानकी नगर निवासी विधवा शकुंतला की जो कई वर्षों से आवास के लिए दर-दर भटक रही है सरकार लगातार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास दे रही है लेकिन अनपढ़ होने के कारण शकुंतला को अभी तक आवास नहीं मिला जबकि कई अपात्र सेटिंग सेटिंग के चलते योजना का लाभ लेकर सरकारी आवास प्राप्त किए हुए हैं।
वही विधवा शकुंतला का कहना है कि पाली तो ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया जब ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने ध्यान दिया और पात्रता की रिपोर्ट लगा दिया तो जनपद स्तरीय टीम द्वारा अपात्र लिखकर भेज दिया गया अनपढ़ होने के नाते इसकी जानकारी जब लोगों द्वारा हमको मिली फिर से प्रार्थना पत्र लिखवा कर गत बुधवार 2 दिसंबर 2020 को जिला अधिकारी गोंडा को दिया।
रानी पुरवा की रहने वाली विधवा शकुंतला किसी तरीके से लोगों के घर जाकर बर्तनधो कर अपना व अपने परिवार का गुजर-बसर करती है उसके दो जवान लड़कियां भी है लड़का अभी छोटा है पति पहले ही स्वर्ग स्वर्ग सिधार चुका है शकुंतला की कहानी भाजपा सरकार ही नहीं बल्कि पूर्वर्ती बसपा व सपा सरकार के आवास योजना अंतर्गत दिए गए आवास पर सवालिया निशान लगा रही है। नियमानुसार इन योजनाओं का लाभ सरकारी नुमाइंदों को स्वयं खोजकर पात्रता के हिसाब से देना चाहिए।
फिर चाहे पात्र व्यक्ति अनपढ़ हो या गरीब परंतु सरकारी सिस्टम सेटिंग सेटिंग से चलता है उसमें तो पैसा दो और लाभ लोग का फार्मूला लागू होता है जो इस फार्मूले पर खरा नहीं उतरता उसे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता सरकारी उसी फार्मूले के तहत लाभार्थियों का आंकड़ा दिखाकर और अपनी पीठ थपथपा आती रहती है ज्ञात हो शकुंतला पत्नी स्वर्गीय राम करन ने 7 जून 2019 को परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास दिलाने हेतु आवेदन भी कर रखा है।
7 जून 2019 कोजिला अधिकारी को पुनः स्मारक पत्र दिया तथा नाम कार्ड की जानकारी होने पर 2 दिसंबर 2020 दिन बुधवार को उना जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया हमारे संवाददाता ने जब वहां पर तैनात ग्राम विकास अधिकारी नवसाद से बात किया तो उन्होंने बताया कि मैंने तो पात्रता सूची में नाम शकुंतला डाल दिया था इनके भ्रम परंतु जनपद स्तरीय टीम के प्रमुख और अभियंता दयाराम यादव ने अपात्र लिख दिया अब सवाल यह उठता है कि जई दयाराम यादव ने शकुंतला से मिले बिना उसे अपात्र क्यों लिखा इस संबंध में जी दयाराम यादव के मोबाइल नंबर 9453801723 पर पिछले 3-4 दिनों से लगातार 30-35 काल की गई परंतु उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा गांव में दबे जुबान यह चर्चा है कि जी बिना चढ़ावे की कलम नहीं चलाता है ऐसे यदि बिना किसी आधार के जेई ने पात्र को अपात्र दिखाया तो जई साहब बताएं कि कौन मकान शकुंतला का हैऔर उसे उसमें कब्जा दिलवाए अन्यथा की स्थिति में यही के निजी धन से शकुंतला को आवास दिलाना चाहिए सच कुछ भी हो परंतु जेई का लगातार फोन न उठाना या साबित करता है कि दाल में कुछ काला जरूर है।
इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने मुख्य विकास अधिकारी से शशांक त्रिपाठी से मुलाकात कर उनका पक्ष जानना चाहा तोउन्होंने शकुंतला के मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए खंड विकास अधिकारी झंझरी को फोन कर नाम डालने को कहा और कहा कि अब तो सूची में नाम पढ़ नहीं सकता परंतु पात्रता सूची में नाम डलवा देते हैं जिससे भविष्य में विधवा शकुंतला को लाभ मिल सकेजबकि शकुंतला निराश हैं कि भविष्य में पीला अधिकारी बदलेंगे फिर कोई उसको सरकारी नुमाइंदा आएगा अपात्र लिख कर चला जाएगा जिसकी जानकारी हमें जब होगी तो प्रार्थना पत्र देकर संतोष करना पड़ेगौ।