ओलिंपिक में झांसल की बेटी का दम:ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बचाए 7 गोल

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(www.arya-tv.com)टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाॅकी टीम की गोलकीपर सविता पूनियां अपना दम दिखा रही है। सविता पूनियां हनुमानगढ़ जिले के भादरा तहसील क्षेत्र के गांव झांसल की बेटी हैं। ऐसे में गांव में भी जश्न का माहौल है। सविता पूनियां ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 7 गोल विफल कर करिश्मा दिखाया है। इसी वजह से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को कड़े मुकाबले में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है।

झांसल सरपंच ओमप्रकाश पूनियां बताते हैं कि सविता का जन्म झांसल गांव में हुआ था। सविता के पिता महेंद्र सिंह पूनियां उनके परिवार से ही ताल्लुक रखते हैं। लगभग 20 वर्ष पूर्व यहां से जाकर हरियाणा के सिरसा जिले के जोधका गांव में जाकर बस गए। सविता हिसार के गिरी सेंटर में ही प्रैक्टिस करती हैं। सविता ने छठी में हॉकी स्टिक थामी थी। सविता को 2018 में अर्जुन अवार्ड मिला था।

इस साल दूसरी बार सविता ओलिंपिक में खेल रही है। सविता के पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि बेटी सविता ने वादा किया है कि वह टीम को गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी। इसके लिए कमियों को दूर कर खुद को मजबूत कर रही है।

सविता पूनियां के पिता ने बताया कि वो लड़कों के साथ भी खेल का अभ्यास करती थी। लड़के दम लगाकर शॉट मारते और वो उनको रोकती। सविता पूनियां भारतीय महिला हॉकी टीम की उपकप्तान भी हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत में सविता का अहम योगदान रहा।

परिजनों ने देखा लाइव प्रसारण तो खुशी से झूम उठे

हरियाणा के सिरसा जिले के गांव जोधकां में सविता के पिता महेंद्र सिंह पूनियां, मां लीलावती, दादी उमा देवी, भाई अशोक, बहन किरण व मंजू, भतीजे रवि सिंह ने मैच का लाइव प्रसारण देखा। आस्ट्रेलिया टीम की खिलाड़ी जब-जब गोल करने के लिए आगे बढ़ी तो सविता पूनियां ने गोल कीपर के रूप में शानदार खेल का प्रदर्शन किया।

जिसे देखकर उसके परिजन भी खुशी से झूम उठे। सविता के पिता महेंद्र सिंह पूनियां ने बताया कि वह डिंग पीएचसी में फार्मासिस्ट पद पर हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को लोग बेटों की तरह ही प्यार दें तो बेटियां बहुत कुछ कर सकती हैं।