जनवरी से मार्च के बीच बड़े मकानों की बिक्री बढ़ी, वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने बढ़ाई ज्यादा स्पेस की मांग

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(www.arya-tv.com)इस साल कोविड की दूसरी लहर आने से पहले बड़े मकानों की अच्छी-खासी खरीदारी हुई। देश के सात बड़े शहरों में 3BHK और उससे ज्यादा बड़े मकानों की बिक्री 19% बढ़ी। प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की पहली यानी मार्च तिमाही में 30,169 फ्लैट बिके। पिछले साल की पहली तिमाही के दौरान, जब कोविड ने लोगों को शिकार बनाना शुरू किया था, तब 25,307 बड़े फ्लैट बिके थे।
दिख रहा ‘वर्क फ्रॉम होम’ कल्चर का असर
रियल एस्टेट डेटा, रिसर्च और एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत से कामकाजी लोग कोरोना वायरस से फैलते संक्रमण के बीच अपने रहने के लिए बड़े मकान ढूंढ रहे हैं। उसका यह भी कहना है कि कोविड काल में ‘वर्क फ्रॉम होम’ यानी WFH का कल्चर बढ़ा है, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें अब भी कॉरपोरेट्स को अपनाए रहने की सलाह दे रही हैं।
नए मकानों की लॉन्चिंग में 30% की कमी
हालांकि, इस साल जनवरी से मार्च के बीच नए मकानों की लॉन्चिंग यानी फ्लैट की नई सप्लाई में सलाना आधार पर 30% की कमी आई। आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2021 वाली तिमाही में 20,848 मकानों की लॉन्चिंग हुई जबकि पिछले साल 29,836 नए मकान बिक्री के लिए उपलब्ध हुए थे। नए मकानों की लॉन्चिंग में कमी आने की वजह डेवलपरों का पहले से बने मकानों का स्टॉक निकालना और छोटे मकानों को मांग के हिसाब से बड़ा करना रहा।
मुंबई में सबसे ज्यादा बढ़ी बड़े मकानों की बिक्री
बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और पुणे में मकानों की बिक्री में इजाफा हुआ। बड़े मकानों की बिक्री में सबसे ज्यादा 54% की बढ़ोतरी मुंबई में हुई, जबकि 43% बढ़ोतरी के साथ चेन्नई दूसरे पायदान पर रहा। इसके बाद पुणे (34%), हैदराबाद (14%), NCR (13%) और बेंगलुरु (10%) का नंबर रहा। सिर्फ कोलकाता ऐसा बड़ा शहर रहा, जहां पहली तिमाही के दौरान बड़े मकानों की बिक्री में 12% की गिरावट आई।
बड़े मकानों की खरीदारी का ट्रेंड जारी रहेगा
प्रॉपइक्विटी के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर समीर जसूजा के मुताबिक, ‘भारत में बड़े मकानों की खरीदारी का ट्रेंड जारी रहेगा, क्योंकि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण होने में काफी वक्त लगेगा। कोविड की तीसरी लहर चलने की आशंका भी जताई जा रही है। इसका मतलब वर्क फ्रॉम होम वाली व्यवस्था कुछ और समय रहने वाली है। दूसरी लहर का जो बुरा असर होना था, वह हो चुका है। प्रॉपर्टी मार्केट में सामान्य लेनदेन धीरे-धीरे पटरी पर लौट आएगा।’
लोग WFH कल्चर के आदी होते जा रहे हैं
एंबिएंस ग्रुप के प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) अंकुश कौल कहते हैं, ‘लोग वर्क फ्रॉम होम कल्चर के आदी होते जा रहे हैं और उसके चलते बड़े मकानों की मांग बढ़ी है। पिछले साल कोविड आने पर पहली बार लगे लॉकडाउन के बाद लोगों ने रहने के लिए बड़ा मकान ढूंढना शुरू कर दिया। दरअसल, बच्चों की स्कूली पढ़ाई-लिखाई भी घर से होने लगी थी जिससे उन्हें और उनके पेरेंट को अपने के लिए अलग स्पेस की जरूरत महसूस होने लगी।’
कौल ने कहा कि बड़े मकानों या मकानों में होम ऑफिस के लिए अलग कमरे की मांग कई महीनों से आ रही है। उन्होंने कहा कि यह ट्रेंड इस साल भी बना रह सकता है।