(www.arya-tv.com)यूपी सरकार ने सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए तबादला नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं. इस नई व्यवस्था से शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने की कोशिश की गई है. तबादला प्राप्त करने वाले शिक्षक को संबंधित महाविद्यालय में अपने कैडर के जूनियर (छोटे) शिक्षक के रूप में माना जाएगा. यदि दो शिक्षक एक ही तिथि को कार्यभार ग्रहण करते हैं, तो उनमें से जन्मतिथि के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. इस स्थिति में बडी जन्मतिथि वाला शिक्षक सीनियर माना जाएगा.
सेवा अवधि की सीमा में छूट
तबादले के लिए आवश्यक न्यूनतम सेवा अवधि को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया गया है. यह संशोधन शिक्षकों के लिए ट्रांसफर प्रक्रिया को अधिक आसान बनाएगा. शिक्षक का ट्रांसफर उसी कैटेगरी के खाली पद पर किया जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रांसफर प्रक्रिया के दौरान रिक्त पदों की व्यवस्था में कोई बाधा न आए. एकल या परस्पर तबादले के लिए शिक्षकों को अपने महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र की लिखित सहमति प्राप्त करनी होगी. इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशक को आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा.
अप्रूवल की समयसीमा
उच्च शिक्षा निदेशक को आवेदन प्राप्त होने के एक महीने के भीतर अपनी रिकोमेंडेशन शासन को भेजनी होगी. यह समयबद्धता प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाएगी. अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के लिए आरक्षण व्यवस्था को बनाए रखा गया है. इससे संबंधित वर्गों के शिक्षकों के अधिकार संरक्षित रहेंगे. संशोधित नियमावली के जारी होने के बाद जल्द ही ट्रांसफर के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है.