- संघ भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप करता है कार्य
- सोलर प्लांट की स्थापना राष्ट्र सेवा यज्ञ में छोटी आहुति
- प्रशंसा से आता है व्यक्ति को अहंकार
लखनऊ । राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि संघ परिवार के स्वयंसवेकों ने कठिन परिस्थितियों में राष्ट्र सेवा के लक्ष्य के लिए कार्य किया है। ये ऐसा संगठन है जो आने वाले सौ साल बाद की आवश्कताओं को सोंचकर आगे बढता है। विद्या भारती के संरक्षक ब्रह्मदेव शर्मा (भाई जी) की प्रेरणा से भारतीय शिक्षा शोध संस्थान से संबद्ध विद्या भारती द्वारा संचालित भावराव देवरस सभागार, निरालनगर, लखनऊ के लिए अपनी सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत स्वीकृत 20 किलोवाट सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि सोलर प्लांट की स्थापना विद्युत व्यय कम करने का एक अनुपम साधन है। पूर्व के समय में जब संसाधनों का अभाव हुआ करता था तथा सुविधाए भी नहीं थी तब भी संघ के स्वयंसेवक पूर्ण मनोयोग से सेवा करते थे। उनके सेवाकार्यों पर कई जगहों पर शोध चल रहा है। वे बिना किसी श्रेय की अपेक्षा के सेवा में लगे रहते हैं। सांसद ने कहा कि प्रशंसा को सुनकर व्यक्ति को अहंकार आ जाता है। अहंकार से व्यक्ति के संचित पुण्य नष्ट हो जाते हैं। भगवान राम के लंका पर विजय से लौटने के बाद हनुमान जी की माता सीता, लक्ष्मण जी और स्वयं प्रभु राम ने जब प्रशंसा की तो हनुमान जी बचाओ चिल्लाने लगे । इस पर प्रभु राम ने पूछा कि हनुमान यहां पर सब तुम्हारी प्रशंसा कर रहे हैं फिर तुम इस प्रकार क्यों चिल्ला रहे हो, तब हनुमान जी ने कहा कि प्रभु आपकी, माता सीता व लक्ष्मण जी की सेवा से मुझे कुछ पुण्य मिला है और आपकी प्रशंसा से मुझे अहंकार हो जाएगा जिससे ये पुण्य नष्ट हो सकता है इसलिए चिल्ला रहा था।
उन्होंने कहा कि संघ परिवार और उसके संगठनों के साथ जुडकर सेवा करने का जीवन में सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस संस्थान से काफी मधुर और कठिन दौर की स्मृतियां जुडी हुई हैं। भाई जी का कोई भी आदेश हमेशा सिर माथे रहा है। पूर्व के समय में तो परिस्थितियां अनुकूल नहीं थी क्योंकि तब सरकार भी नहीं थी। भविष्य में संघ की गतिविधियों के संचालन को लेकर भी उनकी सोंच काफी दूरदर्शी रही। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा की दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन होने के साथ दुनिया के सबसे ज्यादा शैक्षिक संस्थाएं विद्यार्थी और शिक्षकों के समूह का नेतृत्व करने का भी अवसर संघ परिवार को प्राप्त हुआ है। उन्होंने कुछ विपक्षी दलों द्वारा संघ पर प्रतिबंध लगाए जाने के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज कुछ लोग तुष्टिकरण की दुकान खोल रहे हैं जिसमें सांप्रदायिकता जातिवाद और सनातन को अपशब्द कहने का जहर भरा हुआ है देश आज तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और शायद इसीलिए इस प्रकार का वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों का तेजी के साथ राजनीतिक पतन हो रहा है उन्होंने संघ पर प्रतिबंध के बयान की बड़े शब्दों में निंदा की। इस अवसर पर आ उमाशंकर जी, डॉ. एसoकेo द्विवेदी, डॉo शिव भूषण त्रिपाठी, प्रो. सुबोध कुमार, डॉ. राजीव सक्सेना, डॉ. विजय खत्री जी, डॉ. एसoकेo पांडे जी, राजेंद्र जी, विजय शर्मा जी, सुश्री निधि सिंह आदि उपस्थित रहे।
