(www.arya-tv.com)इंग्लैंड में आज से करीब 5000 साल पहले ऐतिहासिक स्टोनहेंज को किसने और क्यों बनाया। ये गुत्थी अब तक सुलझ नहीं पाई थी। लेकिन अब बर्नेमाउंट यूनिवर्सिटी के ऑर्किलाजिस्ट प्रो.टिमोथी ड्रेविल ने दावा किया है कि पत्थरों से बना यह स्टोनहेंज एक तरह का सौर कैलेंडर है। जिसमें 15 पत्थर एक घोड़े की नाल के आकार के रूप में बने हुए हैं। ऊपरी और बाहरी हिस्सा हील स्टोन, स्लाटर स्टोन और स्टेशन स्टोन की तरह बना हुआ है।
आकर्षक बनावट एक ट्रॉपिकल सोलर ईयर की तरह
ड्रेविल ने बताया कि इसकी साधारण और आकर्षक बनावट एक ट्रॉपिकल सोलर ईयर की तरह है, जो 365 दिन के हिसाब से बनाई गई है। उन्होंने बताया कि यह पूरी साइट एक महीने काेफिजिकल रूप से प्रदर्शित करती है। वहीं 24 स्टोन का सर्कल एक दिन को। लंबे समय से इसे एक तरह का ऐतिहासिक कैलेंडर की गणना करने वाला माना जाता रहा है।
मंदिर या कब्रगाह जैसी जगह भी हो सकता हैं
कुछ लोगों का मानना है कि यह कटे हुए पत्थरों का एक समूह है जाे पूजा करने का स्थान, मंदिर या कब्रगाह जैसी जगह भी हो सकता हैं। वहीं प्राेफेसर ड्रेविल के अनुसार स्टोनहेंज का पूरा लेआउट सूर्य के मूवमेंट और उसकी छाया के आधार पर समय की गणना करने के लिए बनाया गया है।
इतिहासकारों के मुताबिक गर्मी के मौसम में हील स्टोन के पीछे पूर्व-उत्तर की तरफ से सूरज उगता है। जिसकी पहली किरण स्टोनहेंज के सामने पड़ती है। वहीं सर्दी के मौसम में स्टोनहेंज के बीचों-बीच से सूर्यास्त को दक्षिण-पश्चिम की तरफ देखा जा सकता हैं।
पुराने साम्राज्य में इसका व्यापक उपयोग
स्टोनहेंज के अनुसार एक सप्ताह में दस दिन होते है। ऐसा सौर कैलेंडर 3,000 ईसा पूर्व के बाद पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में विकसित किया गया था। मिस्र में 2,700 ईसा पूर्व में इसे अपनाया। 2,600 ईसा पूर्व पुराने साम्राज्य में इसका व्यापक उपयोग होने लगा था।