भारत ने हमारी मदद की; अब जब उसे जरूरत है तो हम उसके साथ

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(www.arya-tv.com)फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के बाद अमेरिका ने भी मुसीबत की घड़ी में भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। इसी के मद्देनजर सोमवार को अमेरिका से 318 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। इससे पहले भारतीय समयानुसार, रविवार देर रात राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि महामारी की शुरुआत में भारत ने हमारे अस्पतालों में सहायता भेजी थी। अब जबकि उसे जरूरत है, तो हम मदद के लिए तैयार खड़े हैं। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि कोरोना की इस लहर के दौरान जल्दी से जल्दी मदद और साजो-सामान भेजा जा सके।

रॉ मटेरियल सप्लाई करने का फैसला लिया
इससे पहले US ने वैक्सीन के कच्चे माल पर लगी रोक हटाते हुए भारत को तुरंत रॉ मटेरियल सप्लाई करने का फैसला लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी यानी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा था कि अगर हम कोरोना के खिलाफ वाकई गंभीर हैं तो वे कच्चे माल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दें।

अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे
भारत में बिगड़ते हालात पर अमेरिका की चुप्पी पर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने रविवार को भारत के NSA अजीत डोवाल से फोन पर बात की। उन्होंने भारत में बढ़ते कोरोना केस पर चिंता जाहिर की। सुलिवन ने कहा कि भारत में बन रही कोवीशील्ड वैक्सीन के लिए जिस कच्चे माल की जरूरत होगी, अमेरिका उसे तुरंत मुहैया कराएगा। इसके अलावा अमेरिका की तरफ से भारत को रेपिड टेस्ट किट, वेंटिलेटर्स और PPE किट भी उपलब्ध कराई जाएगी।

एक्सपर्ट की टीम भारत आएगी
अमेरिका भारत को तुरंत ऑक्सीजन और उससे जुड़ी सप्लाई देने का विकल्प भी ढूंढ रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका कुछ एक्सपर्ट की टीम भेजेगा, जो सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC), यूएस एड, अमेरिकी दूतावास और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी। अमेरिका का डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) बॉयोलॉजिकल ई कंपनी को बढ़ाने के लिए फंडिग देगा, ताकि कंपनी 2022 के अंत तक भारत में कोविड-19 की 10 करोड़ वैक्सीन बना सके।

पूनावाला ने सोशल मीडिया पर ये लिखा था
सोशल मीडिया के माध्यम से अदर ने लिखा था, ‘आदरणीय अमेरिका के राष्ट्रपति @POTUS (राष्ट्रपति का ऑफिशियल अकाउंट) अगर हम सचमुच वायरस को हराने को लेकर एकजुट हैं तो अमेरिका के बाहर के वैक्सीन उद्योग के आधार पर मैं आपने अनुरोध करता हूं कि अमेरिका के बाहर कच्चे माल के निर्यात के ऊपर लगे प्रतिबंध को हटा दें, ताकि वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। आपके प्रशासन के पास इसकी विस्तृत जानकारी है।’