(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से बड़ी खबर है. उत्तर प्रदेश सचिवालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले मे सजा काट रहे बीजेपी विधायक रामदुलारे गोंड की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है. प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने इसका पत्र भी जारी कर दिया है. इसकी आधिकारिक जानकारी राज्यपाल सहित प्रदेश के सभी विधायकों को भी दे दी गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट जनपद सोनभद्र द्वारा 15 दिसंबर से सजा सुनाए जाने के बाद से ही उनकी सदस्यता रद्द मानी जाएगी. बता दें, एमपी-एमएलए कोर्ट से सजा मिलने के बाद गोंड ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बीजेपी विधायक गोंड को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 साल की सश्रम सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी.
गौरतलब है कि कोर्ट ने गोंड को 12 दिसंबर को दोषी करार दिया था. उन्हें आईपीसी की धारा 376 और 201 के तहत सजा दी गई. यह मामला साल 2014 का है. एक नाबालिग ने आरोप लगाया कि प्रधानपति रहते रामदुलारे गोंड ने उसका रेप किया. नाबालिग ने नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने गोंड के खिलाफ मामला भी दर्ज करा दिया. दरअसल, रेप के बाद नाबालिग लड़की प्रेग्नेंट हो गई थी. दुष्कर्म के एक साल बाद ही उसने बेटी को भी जन्म दिया था. इसलिए नाबालिग ने इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया. उसने 9 साल तक ये लड़ाई लड़ी.
इस तरह की धमकियां मिलीं
अपने संघर्ष के दौरान नाबालिग युवती ने यह भी आरोप लगाया था कि विधायक गोंड की तरफ से कई तरह की धमकियां और लालच दिए गए. उसे केवल पीटने की ही धमकी नहीं दी गई, बल्कि विधायक के बेटों ने उसे जान से मारने और गांव से बाहर फेंक देने की भी धमकी दी थी. इस मामले में अब पीड़िता के भाई ने अदालत से एक और मांग की है. उसने कहा है कि दोषी विधायक के दुष्कर्म के बाद उसकी बहन ने एक साल बाद एक बेटी को जन्म दिया. वह अब आठ साल की है. अदालत से आग्रह है कि उस 8 वर्ष की बेटी के भरण पोषण को लेकर मुआवजा देने का आदेश दें.