काम की खबर: BHU में रामायण पर कर सकेंगे रिसर्च, डॉक्टर-इंजीनियरों में खास क्रेज, यहां जानें डिटेल्स

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(www.arya-tv.com) अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने इस अनुष्ठान में बड़ी आहुति दी है. प्रभु श्रीराम के साथ उनके जीवन और चरित्र को जन जन तक पहुंचाने के लिए बीएचयू में ‘वाल्मीकि रामायण’ पर बाकायदा पीएचडी के जरिए रिसर्च हो रहा है. संस्कृत के अलावा इंजीनियर, डॉक्टर और दूसरे लोग भी इसमें एडमिशन के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं. बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में इसकी पढ़ाई और रिसर्च का काम हो रहा है.भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक सदाशिव कुमार द्विवेदी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत पहले इस केंद्र में एमए इन हिन्दू स्टडीज कोर्स की शुरुआत हुई थी और अब वाल्मीकि रामायण पर रिसर्च भी हो रहा है. 25 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए थे जिसमें कुल 50 लोगों ने दिलचस्पी दिखाई थी. इसमें मध्य प्रदेश के बीटेक के छात्र ने पहला स्थान पाया था.

रामायण पर शोध बड़ी बात
सदाशिव कुमार द्विवेदी के मुताबिक, रामायण पर रिसर्च कराने वाला बीएचयू देश का पहला संस्थान है. हालाकिं अलग अलग कोर्स में इसको पढ़ाया जाता है, लेकिन इस कोर्स के तहत अब सिर्फ वाल्मीकि रामायण पर छात्र शोध करेंगे.

जीवन आदर्श की सीखेंगे कला
सदाशिव कुमार द्विवेदी ने बताया कि राम वाल्मीकि रामायण के एक पात्र है. इस कोर्स में स्टूडेंट्स प्रभु श्रीराम के जीवन दर्शन के साथ उनके चरित्र के बारे में जान सकेंगे. इसके अलावा वाल्मीकि रामायण के जरिए वो सम्पूर्ण आदर्श जीवन की अवधारण के बारे में जानेंगे और सीखेंगे. साथ ही बताया कि इस कोर्स के जरिए युवा पीढ़ी सनातन धर्म के जीवन दर्शन, मान्यताओं के बारे में न सिर्फ जानेंगे बल्कि उससे सीधे तौर पर जुड़ भी सकेंगे. इससे पूरे देश में सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार भी होगा.