अयोध्या में इस बार 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण को लेकर बड़ी तैयारियां की जा रही हैं. ग्रहण का समय रात्रि 9:58 बजे से शुरू होकर रात 1:26 बजे तक रहेगा. इस दौरान ग्रहण का चरम काल रात्रि 11:05 से 12:05 तक होगा.
वैदिक परंपराओं के अनुसार ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. इसी कारण अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत समस्त मठ-मंदिरों के कपाट समय से पहले बंद कर दिए जाएंगे.
इस दिन बंद होंगे राम मंदिर के कपाट
राम मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि 7 सितंबर को दोपहर की आरती के बाद रामलला का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद रामनगरी के अन्य प्रमुख मंदिरों और मठों के पट भी बंद हो जाएंगे.
सूतक काल की अवधि में न तो मंदिरों में पूजा-पाठ होगा और न ही दर्शन-पूजन की अनुमति रहेगी. चंद्र ग्रहण के मोक्ष काल यानी 8 सितंबर की सुबह के बाद मंदिरों के कपाट फिर से खोले जाएंगे और उसी समय से भक्तजन भगवान रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
राम जन्मभूमि के एक्स अकाउंट से दी गई यह जानकारी
भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, रविवार 7 सितम्बर 2025 को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के कारण श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन केवल दोपहर 12:30 बजे तक ही उपलब्ध रहेंगे. तत्पश्चात मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे और अगले दिन सोमवार 8 सितम्बर को प्रातः मंगला आरती पश्चात ही भक्तों के लिए पुनः खुलेंगे.
ग्रहण काल में परंपरा अनुसार सभी पूजा-अर्चना स्थगित रहेगी तथा मोक्ष काल के बाद विशेष शुद्धिकरण अनुष्ठान सम्पन्न होंगे. इसके उपरांत पूर्व निर्धारित समयानुसार श्रद्धालु पुनः रामलला के दर्शन कर सकेंगे.
प्राचीन काल से चली आ रही है परंपरा
रामनगरी में यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है कि ग्रहण और सूतक की अवधि में धार्मिक अनुष्ठान स्थगित कर दिए जाते हैं. ग्रहण मोक्ष के पश्चात मंदिरों में शुद्धिकरण, स्नान और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसी परंपरा का पालन इस बार भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और स्थानीय पुरोहितों द्वारा किया जाएगा.
वैदिक विद्वानों का मानना है कि ग्रहण काल में धार्मिक गतिविधियाँ निषिद्ध मानी जाती हैं. इसलिए रामनगरी के सभी प्रमुख मंदिरों में भी यही नियम लागू रहेगा. ट्रस्ट के मुताबिक राम मंदिर के पट दोपहर में ही बंद हो जाएंगे ताकि सूतक काल प्रारंभ होने से पहले परंपराओं का पालन हो सके.
इस दिन कर पाएंगे रामलला के दर्शन
ग्रहण समाप्त होने के बाद 8 सितंबर की सुबह मंदिरों में विशेष शुद्धिकरण अनुष्ठान होंगे और फिर भक्तजन पूर्व निर्धारित समय पर रामलला के दर्शन कर पाएंगे. इस दौरान अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को भी वैदिक परंपराओं के पालन की अपील की गई है. यानी, 7 सितंबर की दोपहर से रामलला का मंदिर बंद रहेगा और 8 सितंबर की सुबह से भक्त पुनः दर्शन का लाभ उठा सकेंगे.