SC  में अंतिम सुनवाई, मंदिर पक्षकार ने कहा-मुगलों ने जबरन बनाई थी मस्जिद

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लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में देश के सबसे बड़े मामले को लेकर सुनवाई का आज अंतिम दिन है। सुप्रीम कोर्ट के अंदर ही नहीं पूरे देश में हलचल है। सबकी निगाहें राम मंदिर के फैसले पर टिकी हैं।

बुधवार को सुनवाई का आ​खिरी दिन है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा दिया है कि अब बहुत हो गया है आज शाम 5 बजे तक सुनवाई हो जाएगी। पांचों जज कोर्ट रूम में पहुंचे हैं। हिंदू पक्ष के वकीन वैद्यनाथ पक्ष रख रहे हैं।

क्या कहा है वैद्यनाथ ने
1855 तक परिसर में पूजा होती थी।
मुगलों ने जबरन मस्जिद बनाई थी।
मस्जिद बनने के बाद भी बाहर पूजा होती ​थी।
अंग्रेजों ने वहां रेलिंग बनवाई ​थी।
1528 से 1855 तक के हमने सबूत दिए हैं कि वहां मंदिर था।
हिंदू पक्ष के 45 मिनट होते ही धवन ने टोका।
वैद्यनाथ से बोले कि आपका वक्त खत्म हो गया है।
वैद्यनाथ ने कहा कि बिना मालिकाना हक के मस्जिद नहीं बन सकती।
मुगलों ने जबरन मस्जिद बनाई थी।
16 दिसंबर 1949 के बाद यहां नमाज नहीं पढ़ी गई।
रामलला के वकील ने 45 मिनट तक दलील रखी।
मुगलों ने जबरन मस्जिद बनाई थी।
अब मुस्लिम पक्ष लंच के बाद अपनी दलीलें पेश करेगा।
साक्षी महाराज ने कहा कि 6 दिसंबर से शुरू होगा मंदिर का निर्माण

30 हजार पन्नों का दस्तावेज सौंपा गया है। इसमें कई सारे ग्रंथो का उल्लेख दिया गया है। 1528 से लेकर 1855 तक लेकर आइने अकबरी समेत कई किताबों का प्रूफ दिया कि वहां पूजा होती थी। इसके अलावा कई ग्रंथों का प्रमाण दिया गया है।

क्या कहा मुस्लिम पक्षकार ने
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि फैसला कोर्ट को करना है। कोर्ट जो ​भी फैसला करेगा हम उसका फैसला मानेंगे। उन्होंने कहा कि जो फैसला हो हम उसे मानेंगे।

आपको बता दें कि 1992 में राम ​मंदिर के लिए आंदोलन शुरू हुआ था। घर घर से जय श्रीराम लिखकर मंदिर में ईंटे ले जाई गईं थी।

आपको बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर हैं। इनमें 8 मुस्लिम और 6 हिंदू पक्षकारों की हैं। जबकि दोनों समुदाय की तरफ से 6—6 पक्षकार हैं।

ये हैं मुख्य पक्षकार
पहला विश्वहिंदू परिषद
दूसरा हिंदुओं की संस्था निर्माही अखाड़ा(यह सवा सौ सालों से इस जगह पर मंदिर बनाने की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।)
तीसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड।